नई दिल्ली August 16, 2010
मांग बढऩे का असर जौ की कीमतों पर देखा जा रहा है। पिछले एक माह के दौरान जौ के भाव में 50-60 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। कारोबारियों का कहना है कि माल्ट उद्योग और पशुचारे में जौ की मांग बढ़ी है। एक माह के दौरान राजस्थान की जयपुर मंडी में जौ के दाम 50 रुपये बढ़कर 1030-1035 रुपये प्रति क्विंटल, हरियाणा की रेवाड़ी मंडी में इसके दाम 60 रुपये बढ़कर 1040 रुपये प्रति क्विंटल हो चुके हैं। जौ कारोबारी सुताराम ने बताया कि इन दिनों माल्ट उद्योग की ओर जौ की मांग अच्छी चल रही है। साथ ही पशुचारे में भी जौ की मांग बढ़ रही है। इस कारण जौ कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इस बारे में जयपुर मंडी के जौ कारोबारी के.जी. झालानी ने कहा कि इन मंडियों में जौ की आवक कम हो रही है।इस वजह से भी इसके दाम बढ़े हैं। उनका कहना है कि एक माह के दौरान जयपुर मंडी में जौ की आवक 1000-1200 बोरी से घटकर 500-600 बोरी रह गई है। रेवाड़ी मंडी के जौ कारोबारी राजीव बंसल ने बताया कि मंडी में जौ की आवक 400-500 बोरी से घटकर 100-200 बोरी रह गई है। इस कारण जौ की कीमतें बढ़ी है। कारोबारियों के मुताबिक बारिश होने के कारण किसान जौ मंडी नही ला पा रहे है, जिससे इसकी आवक में कमी आई है। इसके अलावा उत्पादन घटने के कारण स्टॉक भी कम है। भारतीय कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2009-10 में 13 लाख टन जौ का उत्पादन हुआ है, वर्ष 2008-2009 में 16.90 लाख टन जौ का उत्पादन हुआ था।जौ की निर्यात मांग के बारे में गुजरात की बिश्नोई ट्रेडिंग कॉरपोरेशन के मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) संजय बिश्नोई का कहना है कि फिलहाल तो जौ की निर्यात मांग कमजोर है, लेकिन मुख्य उत्पादक देश यूक्रेन में जौ की नई फसल की आवक बंद हो गई है, ऐसे में आगे जौ की निर्यात मांग निकल सकती है।विश्नोई ने कहा कि देश में अभी जौ की नई फसल आने में 3 से 4 माह बचे है। ऐसे में जौ की कीमतों में मंदी के आसार कम है। साथ ही आगे निर्यात बढऩे की संभावना भी है, ऐसे में आगे भी जौ की कीमतों में तेजी बरकरार रहने की संभावना है। (BS Hindi)
17 अगस्त 2010
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