26 अगस्त 2010
आलू के मूल्य में उथल-पुथल
हाजिर मंडियों और फ्यूचर एक्सचेंजों में आलू के मूल्य में जोरदार उथल-पुथल दिखाई दे रही है। सप्लाई घटने और मांग बढऩे से हाजिर में कीमतों में सुधार आया है। त्यौहारी सीजन में आलू की खपत बढऩे की संभावना है और पाकिस्तान को भी आलू का निर्यात हो रहा है। इसी वजह से तेजी को बल मिला है लेकिन उत्तर प्रदेश के कोल्ड स्टोरों में आलू का बड़ा स्टॉक रखा है। इसके अलावा हिमाचल और कर्नाटक में भी नए आलू की आवक शुरू हो गई है। इसलिए आलू की यह तेजी ज्यादा दिन टिकने की संभावना नहीं है। हालांकि फिलहाल और सुधार हो सकता है।आजादपुर मंडी की पोटेटो ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन (पोमा) के अध्यक्ष त्रिलोकचंद शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में लागतार बारिश होने से आजादपुर मंडी में आलू की दैनिक आवक घटकर 65-70 ट्रक की रह गई है जबकि चालू महीने के शुरू में आवक 100 से 110 ट्रकों की हो रही थी। उधर हिमाचल से भी मात्र एक-दो ट्रक आलू की ही आवक हो रही है जबकि कर्नाटक से भाड़ा ज्यादा होने के कारण आवक नहीं हो रही है।इसीलिए पिछले एक सप्ताह में दिल्ली में आलू की कीमतों में करीब 25-30 रुपये की तेजी आकर कोल्ड स्टोर के आलू का भाव 140 से 200 रुपये प्रति 50 किलो हो गया। शिमला के आलू का भाव बढ़कर 400 से 500 रुपये और कर्नाटक के आलू का भाव 550 से 600 रुपये प्रति 50 किलो हो गया। आलू के थोक व्यापारी उमेश अग्रवाल ने बताया कि कर्नाटक के आलू की खपत दक्षिण भारत में ही हो जाएगी जबकि पाकिस्तान की मांग आने से हिमाचल के आलू में पंजाब की मांग बढ़ेगी। इसीलिए आगामी दिनों में उत्तर प्रदेश में कोल्ड स्टोर में रखे आलू पर ही ज्यादा निर्भरता रहेगी। आगामी दिनों में त्यौहारी मांग के साथ ही ब्याह-शादियों का सीजन शुरू होने वाला है इसीलिए आलू की मांग में भी बढ़ोतरी होगी। ऐसे में आलू की मौजूदा कीमतों में अभी 40-50 रुपये प्रति क्विंटल का और सुधार आने की संभावना है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में पिछले आठ दिनों में आलू की कीमतों में करीब 10 फीसदी की तेजी आ चुकी है। 18 अगस्त को अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में आलू का भाव 386 रुपये प्रति क्विंटल था जो बुधवार को बढ़कर 424 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। हालांकि मंगलवार को आलू वायदा में निवेशकों की बिकवाली आने से निचला सर्किट लगा था। आगरा कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष सुदर्शन सिंघल ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में आलू की कीमतों में आए सुधार से बिकवाली भी कम हुई है। इसीलिए मौजूदा कीमतों में और भी सुधार की संभावना है। हालांकि उन्होंने बताया कि चालू सीजन में कोल्ड स्टोर में 3.60 करोड़ कट्टे (प्रति कट्टा 50 किलो) का हुआ था। जबकि पिछले साल 3.20 करोड़ कट्टों का स्टॉक था। पिछले चार महीने में कोल्ड स्टोरों से करीब 35-40 फीसदी आलू की निकासी हो पाई है। ऐसे में भारी स्टॉक के कारण तेजी का दौर कभी भी थम सकता है।बात पते कीयूपी के कोल्ड स्टोरों में आलू का बड़ा स्टॉक रखा है। हिमाचल और कर्नाटक में भी नए आलू की आवक शुरू हो गई है। इसलिए आलू की तेजी ज्यादा दिन टिकने की संभावना नहीं है। (business bhakar)
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