17 अगस्त 2010
वनस्पति तेल का भंडार बढ़ा
पिछले एक महीने में वनस्पति तेल के भंडार में 9.5 प्रतिशत की तेज बढ़ोतरी हुई है। इसकी वजह यह रही कि बड़े पैमाने पर आयात के साथ सोयाबीन के बीज की पेराई के चलते घरेलू उत्पादन में भी बढ़ोतरी हुई है।इस वर्ष पहली अगस्त तक के आंकड़ों के मुताबिक वनस्पति तेल का भंडार बढ़कर 12,15,000 टन हो गया है, जो एक महीने पहले के भंडार 11,10,000 टन की तुलना में 105,000 टन ज्यादा है।इस समय विभिन्न बंदरगाहों पर स्टॉक 6,35,000 टन है (कच्चा पाम तेल 2,75,000 टन, रिफाइंड, ब्लीच्ड और डायोडाइज्ड पामोलीन 65,000 टन, डिगम्ड सोयाबीन तेल 2,35,000 टन और कच्चा सूरजमुखी तेल 60,000 टन) और करीब 5,80,000 टन तेल के सौदे हो चुके हैं। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने में भारत में कुल 8,00,644 टन तेल का आयात हुआ है, जो पिछले माह हुए 7,32,232 टन आयात से 6.34 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं पिछले साल के समान महीने में हुए 5,96,024 टन आयात की तुलना में इसमें 34 प्रतिशत की तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एसईए के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि इसके पहले के महीने में कम सौदे होने की वजह से इस माह आयात मेंं तेज बढ़ोतरी नजर आ रही है। जुलाई तिमाही में वनस्पति तेल का आयात 11.5 प्रतिशत बढ़कर 20,91,641 टन हो गया है। इसकी पिछली तिमाही में कुल 18,76,889 टन तेल का आयात हुआ था। पिछले साल की समान तिमाही में कुल आयात 21,27,800 टन हुआ था। वहीं घरेलू मिलों की सोयाबीन की पेराई में भी करीब 45-50 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोतरी हुई है। किसानों ने अपना अतिरिक्त स्टॉक खाली करना शुरू कर दिया है।इसकी वजह यह है कि इस वर्ष मई महीने में अनुकूल मौसम के चलते उम्मीद बनी है कि अगले सीजन में उत्पादन बेहतर रहेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि किसान जल्दी ही अपना स्टॉक खाली कर देंगे। इंदौर के सोयाबीन प्रॉसेसर्स एसोसिएशन (सोपा) के समन्वयक राजेश अग्रवाल ने कहा कि इसके बावजूद अभी किसानों और स्टॉकिस्टों के पास कुल मिलाकर 12-15 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ है।अनुमानों के मुताबिक किसानों ने पिछले 3 महीने में जुलाई के अंत तक 20 लाख टन से ज्यादा कोटा जारी किया है। अग्रवाल को उम्मीद है कि अभी 2010 की खरीफ की फसल तैयार होने के पहले करीब 10 लाख टन सोयाबीन बाजार में और आएगा। सेंट्रल आर्गेनाइजेशन फार ऑयल इंडस्ट्री ऐंड ट्रेड पिछले सत्र में कुल 85 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ था, जबकि उसके पहले के सत्र में कुल 95 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ था। इस साल भी बेहतर मॉनसून के चलते 95 लाख टन सोयाबीन उत्पादन का अनुमान है।हालांकि बुआई का रकबा 3.75 प्रतिशत गिरकर 93.08 लाख हेक्टेयर रह गया है।जुलाई में भारत का सोया खली निर्यात बढ़कर 1,60,000 टन हो गया। घरेलू खपत 2,00,000 टन रहने का अनुमान है। इस तरह से कुल उत्पादन 3,60,000 टन रहने का अनुमान लगाया गया है। अग्रवाल ने कहा कि इससे अनुमान मिलता है कि कि सोयाबीन की पेराई 5 से 5.5 लाख टन रही। (BS Hindi)
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