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02 अगस्त 2010

सामान्य से 38 फीसदी ज्यादा बारिश

August 01, 2010
पिछले एक सप्ताह के दौरान सामान्य से 38 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि मॉनसून सत्र के दूसरे चरण में सामान्य से अच्छी बारिश होगी। इससे उम्मीद जगी है कि इस साल खरीफ सत्र में बंपर पैदावार होगी। 22 जुलाई तक 647 लाख हेक्टेयर से ज्यादा रकबे में बुआई का काम पूरा हो चुका है। यह रकबा पिछले साल की समान अवधि के 593 लाख हेक्येयर से 54 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। जुलाई महीने में कुल मिलाकर सामान्य से 1 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई। इसकी वजह से फसलों की बुआई में मदद मिली और राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में स्थिति अच्छी रही। इससे उन इलाकों में बुआई की सुविधा मिली, जहां बारिश पर निर्भरता ज्यादा है। इसके साथ ही जिन फसलों की कीमतें ज्यादा थीं, उनकी बुआई अच्छी हुई है। इसमें कपास, दलहन और मोटे अनाज शामिल हैं। विश्लेषकों का कहना है कि बड़े पैमाने पर बुआई और अच्छे उत्पादन की वजह से कृषि उत्पादों की कीमतों में नरमी आएगी। इससे महंगाई दर में भी कमी आएगी, जो 17 जुलाई को समाप्त सप्ताह में पहले ही घटकर 9।67 प्रतिशत पर आ चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि 15 अगस्त तक मॉनसूनी बारिश सभी इलाकों में सामान्य स्तर पर पहुंच जाएगी। जानकारों का कहना है कि पिछले सप्ताह हुई बारिश से जलाशयों के जल स्तर में भी सुधार होगा, जो चिंताजनक स्तर तक कम हो गया था। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक देश के 81 बड़े जलाशयों में जल स्तर बढ़कर 29 जुलाई को 40.736 अरब घन मीटर (बिलियन क्यूबिक मीटर) हो गया है, जो एक सप्ताह पहले 28.658 अरब घन मीटर था। वर्तमान जल संग्रह सामान्य से सिर्फ 19 प्रतिशत कम है, जो 22 जुलाई को 35 प्रतिशत कम था। इससे न केवल मॉनसून के बाद सिंचाई में मदद मिलेगी, बल्कि रबी की फसल के साथ साथ जल विद्युत उत्पादन में भी यह बेहतर साबित होगा। इन 81 जलाशयों में से 36 में जल विद्युत का उत्पादन होता है। मॉनसूनी बारिश की कुल कमी जहां जून के अंत में 16 प्रतिशत थी, अब घटकर 5 प्रतिशत से भी कम रह गई है। हालांकि पूर्वोत्तर को छोड़कर देश के सभी हिस्सों में बेहतर बारिश हुई है। पूर्वोत्तर राज्यों, पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा और त्रिपुरा में स्थिति चिंताजनक है, जहां अभी भी जलाशयों में कम पानी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में इन इलाकों में भी बेहतर बारिश होगी और स्थिति में सुधार आएगी। अच्छी खबर यह है कि भारतीय मौसम विभाग के 30 जुलाई के अनुमान के मुताबिक अगस्त और सितंबर महीने में लंबी अवधि के औसत से 7 प्रतिशत ज्यादा बारिश होगी। हालांकि मौसम विभाग ने कहा है कि पूर्वोत्तर भारत में समान्य से कम बारिश होगी। फसलों की स्थिति देखें तो राज्यों से आ रही रिपोर्ट से संकेत मिलते हैं कि विभिन्न कृषि जिंसों की कीमतों में कमी आ रही है, क्योंकि फसलों की बुआई अच्छी हुई है। पंजाब और हरियाणा में बोए जाने वाले बासमती चावल की कीमतों में तेजी है, लेकिन मोटे अनाज, जैसे बाजरा की स्थिति अच्छी है। वहीं कर्नाटक के किसानों ने अच्छी मांग के चलते मक्के का रुख किया है। इसी तरह से दलहन में मूंग और अरहर की कीमतें बहुत ज्यादा रही हैं, जिसकी वजह से किसानों ने इसका रुख किया है। कपास के दाम भी बेहतर रहे हैं, जिसके रकबे में 15 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही गन्ने के रकबे में भी 10 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। (बीएसहिंदी)

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