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02 अगस्त 2010

बेहतर बारिश और कीमतों ने बढ़ाई मसालों की बुआई

कोच्चि August 01, 2010
समय से हुई पर्याप्त मॉनसूनी बारिश ने केरल में खेती की रफ्तार ठीक कर दी है। खरीफ सत्र में नकदी और खाद्य फसलों का रकबा बेहतर रहा है। मॉनसून की प्रगति के साथ राज्य के प्राकृतिक रबर उत्पादकों ने गतिविधियां तेज कर दी हैं। रबर बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक मॉनसून सत्र में उत्पादन इस साल 6-7 प्रतिशत ज्यादा रहेगा, क्योंकि इस साल कीमतों में तेजी है। उत्पादक रबर की पौधरोपण में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। जून महीने में रबर का उत्पादन 5 प्रतिशत बढ़कर 57,000 टन रह गया है, जबकि जून 2009 में 54,255 टन रबर का उत्पादन हुआ था। कोचीन रबर मर्चेंट्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एन राधाकृष्णन ने कहा कि मॉनसून के दौरान रबर के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि रबर की टैपिंग का काम जोरों पर है। हालांकि लंबी अवधि के हिसाब से देखें तो स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि पौधों के पुराने पडऩे और नई पौधरोपण न होने की वजह से पेड़ों की क्षमता घट रही है। मसालों पर भी बारिश का अच्छा असर पड़ा है। इलायची उत्पादक एसोसिएशन के अध्यक्ष केएम माइकल ने कहा कि मॉनसून बेहतर रहने की वजह से इलायची और काली मिर्च का उत्पादन बढिय़ा रहने की उम्मीद है। अनुमान के मुताबिक उत्पादन में 5-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। पिछले सत्र में 10,000 टन के करीब इलायची का उत्पादन हुआ था। फसलें तैयार होनी शुरू हो गई हैं और अगले माह के अंत तक उत्पादन अधिकतम स्तर पर होगा। केरल के इडुक्की जिले में पौधों की नर्सिंग तेज हो गई है, क्योंकि पूरे सत्र के दौरान औसत कीमतें ज्यादा (1500 रुपये प्रति किलो) रही हैं। काली मिर्च की कीमतों में तेज बढ़ोतरी के चलते उत्पादकों को प्रोत्साहन मिला है। कृषि अधिकारी बेन्नी कुरियाकोसे के मुताबिक बेहतर मॉनसून का काली मिर्च की फसल पर अच्छा असर पड़ा है। पिछले सत्र में कुल 45,000-50,000 टन काली मिर्च का उत्पादन हुआ था। बेहतर मौसम के चलते कोको की खेती भी बढ़ी है और किसान इसके बेहतर उत्पादन की उम्मीद कर रहे हैं। उत्पादकों का यह भी कहना है कि मौसम जायफल उत्पादन के भी अनुकूल है। कोकोनट डेवलपमेंट बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मॉनसून सत्र में फसल को नुकसान की कोई खबर नहीं आई है, जिससे उम्मीद है कि इस सत्र में उत्पादन बेहतर रहेगा। (बीएस हिंदी)

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