लखनऊ August 01, 2010
उत्तर प्रदेश में अच्छी बारिश के बाद धान की नर्सरी लगाने का काम करीब-करीब पूरा हो गया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के धान उत्पादक जिलों में धान की रोपाई का काम भी 50 फीसदी से ज्यादा हो चुका है। सूबे के कृषि विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में खरीफ की मुख्य फ सल धान की नर्सरी की रोपाई निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 94।77 प्रतिशत हो चुकी है। कृषि विभाग के वैज्ञानिकों ने मौसम के परिप्रेक्ष्य में किसानों को सलाह दी है कि अच्छी वर्षा को देखते हुए रोपाई का कार्य युद्ध स्तर पर संपन्न करें, साथ ही भूमि में नमी को दृष्टिगत रखते हुए किसान उड़द, मूंग, अरहर, ज्वार, बाजरा, मूगफली तथा तिल की बुआई भी कर सकते हैं। कृषि विभाग से दी गयी जानकारी के अनुसार इस वर्ष प्रदेश में धान की नर्सरी की रोपाई का लक्ष्य 4 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया गया था। मॉनसून के विलंब के चलते गत 20 जुलाई तक 3.79 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की नर्सरी की रोपाई की गयी, जो लक्ष्य का 94.77 प्रतिशत है जबकि गत वर्ष इस अवधि में 3.97 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की नर्सरी की रोपाई की गई थी। इसी प्रकार प्रदेश में धान की रोपाई के लक्ष्य वर्तमान में 60 लाख हेक्टेयर के सापेक्ष इस अवधि तक पूर्ति 27.92 लाख हेक्टेयर हुआ जो लक्ष्य का 46.5 प्रतिशत है। संकर धान के आच्छादन की पूर्ति इस अवधि में 5.73 लाख हेक्टेयर, सुंगधित धान को रोपाई के लक्ष्य 5.43 लाख हेक्टेयर के सापेक्ष 2.22 लाख हेक्टेयर हुआ। कृषि विभाग के अनुसार दलहनी फ सलों की मुख्य फ सल अरहर की बुआई 1.80 लाख हेक्टेयर हुई, जो लक्ष्य का 38.4 प्रतिशत है। खरीफ फसल में मक्के की बुआई, लक्ष्य 9.2 लाख हेक्टेयर के सापेक्ष 5.99 लाख हेक्टेयर हुई। इस अवधि में मॉनसून के विलंब के कारण खरीफ फ सलों के अंतर्गत रोपाई के लक्ष्य 92.76 लाख हेक्टेयर के सापेक्ष 41.94 लाख हेक्टेयर में रोपाई हो चुकी है।वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि इस अवधि में सीधी बुआई किए गये खेत से खर-पतवार निकालना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने अभी तक नर्सरी नहीं लगायी है वो अब सीधे धान की रोपाई का काम कर सकते हैं। बीएस हिंदी)
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