नई दिल्ली July 30, 2010
आम का आयात करने वाले देशों को इस साल भारतीय आम खूब भा रहा है। बीते दिनों में मलिहाबादी दशहरी आम का रिकॉर्ड निर्यात हो चुका है और अब बारी चौसा आम की है। आम उत्पादकों के अनुसार इस बार चौसा आम का निर्यात पिछले साल से दोगुना गुना होने की संभावना है। वहीं बंपर उत्पादन के बावजूद उत्पादकों को आम के बेहतर दाम मिले है।अखिल भारतीय आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष इंसराम अली ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस बार भारतीय आम की विदेशों में खूब मांग है। इसलिए इस बार देश से आम का रिकॉर्ड निर्यात होने का अनुमान है। उनका चौसा आम के निर्यात के बारे में कहना है कि अभी तक 3-4 टन चौसा आम का निर्यात हो चुका है। अली ने कहा कि इस बार 10 टन से अधिक चौसा आम निर्यात होने की संभावना है, पिछले साल 5 टन आम निर्यात हुआ था। इस तरह चौसा आम का निर्यात दोगुना होगा। उन्होंने कहा कि इस बार पहली बार चौसा जहाज से भेजा जा रहा है। इसका निर्यात दुबई और सउदी अरब को हो रहा है। इस साल देश में आम का बंपर उत्पादन हुआ है। मलिहाबाद के आम उत्पादक शकील कहते हैं कि बेहतर मौसम के कारण दशहरी, चौसा सहित सभी किस्मों का बंपर उत्पादन हुआ है। उत्तर प्रदेश में चौसा मलिहाबाद, सहारनपुर, अमरोहा और अन्य इलाकों में होता है।आम उत्पादकों और कारोबारियों के मुताबिक बंपर उत्पादन के बावजूद इस बार उत्पादकों को आम के दाम बेहतर मिले है। अली का कहना है कि इस बार अच्छी गुणवत्ता के चलते घरेलू बाजार चौसा आम के दाम अच्छे मिले है। आजादपुर मंडी के आम कारोबारी हवलदार यादव ने बताया कि इन दिनों मंडी में चौसा आम के दाम 22-25 रुपये प्रति किलो चल रहे है। बीते कुछ दिनों में इसके भाव हल्की गिरावट आई है।उनका कहना है कि अभी 10-15 दिन चौसा आम की आवक होगी । इसलिए आगे आवक घटने के साथ ही इसकी कीमतों में बढ़ोतरी होगी। इन दिनों 4-5 हजार पेटी (10 किलोग्राम ) आम की दैनिक आवक है।मालूम हो कि इस साल मलिहाबाद के दशहरी आम को पेटेंट का दर्जा मिला है, जिससे इसकी विदेशों में मांग बढ़ी है। इस कारण इसका निर्यात पिछले साल के 40-45 टन से बढ़कर इस साल 80 टन से अधिक हुआ है। इंसराम का इस बारे में कहना है कि पेटेंट मिलने की वजह से घरेलू बाजार लोगों को आम खूब पसंद आया। (बीएस हिंदी)
02 अगस्त 2010
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