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04 अगस्त 2010

माल मिलता देख रबर किसानों ने ठोंकी ताल

कोच्चि August 03, 2010
भारत का रबर उत्पादन जुलाई महीने में 14।4 प्रतिशत बढ़कर 57,500 टन हो गया है। रबर बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि इसकी कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं, और किसानों ने रबर की टैपिंग बढ़ा दी है। उन्होंने कहा, 'उत्पादन बढ़ाने के लिए किसान टैपिंग पर बहुत ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। उन्हें रिकॉर्ड कीमतों की वजह से बेहतर मुनाफा हो रहा है।'रबर बोर्ड द्वारा दी गई आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जून और जुलाई महीने में रबर का संयुक्त उत्पादन 9995 टन बढ़कर 114,500 टन हो गया है। रबर बोर्ड के मुताबिक अनुकूल नमी और बारिश के चलते रबर के पौधों की टैपिंग पर सकारात्मक असर पड़ा है। इस सत्र में समय से मॉनसून आया और रबर के पौधों को भी नुकसान नहीं हुआ है। इसकी वजह यह है कि इस साल तेज हवाएं नहीं चली हैं। बोर्ड का कहना है कि कीमतें इस समय आकर्षक हैं। बेंचमार्क ग्रेड आरएसएस-4 किस्म के रबर की कीमतें इस समय बढ़कर 185 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई हैं। उत्पादन के बारे में रबर बोर्ड के हाल के अनुमानों के मुताबिक टैपिंग के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है और यह करीब 11,000 टन हो गया है। जुलाई महीने में ही 2009 के समान महीने में हुए 50,250 टन उत्पादन की तुलना में 57,500 टन रबर का उत्पादन हुआ है। इसकी वजह है कि अच्छी बारिश होने की वजह से रबर के पौधे पर कोपलें बेहतर आईं। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जुलाई अवधि के बीच उत्पादन 6.5 प्रतिशत बढ़कर 223,250 टन हो गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 209,825 टन रबर का उत्पादन हुआ था। 2009-10 के अप्रैल जुलाई के दौरान उत्पादन में 13 प्रतिशत की तेज गिरावट आई थी। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जून अवधि के दौरान उत्पादन में सिर्फ 4.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, जबकि खपत में 5.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। खुले बाजार में भी आपूर्ति की स्थिति कमजोर है। बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक देश में 31 जुलाई को कुल स्टॉक 220083 टन है। (बीएस हिंदी)

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