22 फ़रवरी 2010
अगरबत्ती की काड़ी बनाने की सस्ती मशीन
खुशबूदार अगरबत्ती बनाने के लिए लकड़ी की काड़ी (पतली सींक) सबसे अहम वस्तु है। चूंकि अगरबत्ती की काड़ी हाथों से काट-छीलकर बनाई जाती है। इसलिए यह काम काफी श्रमसाध्य होता है। इस वजह से अगरबत्ती उत्पादन से जुड़े गांव-कस्बों के छोटे व्यावसायियों के लिए काड़ी बनाने की काफी ज्यादा लागत आती है। यह काम बेहद जटिलता भरा होने के साथ ही अत्याधिक समय लेने वाला भी है। उद्यमियों की इसी परशानी को ध्यान में रखते हुए भोपाल के केंद्रीय कृषि अभियां¨त्रकी संस्थान (सीआईएई) ने अगरबत्ती की काड़ी बनाने वाली बेहद सस्ती मशीन विकसित की है। जिसकी सहायता से अगरबत्ती निर्माण के लिए बांस की काड़ी काफी आसानी से बनाई जा सकेगी।काड़ी बनाने की मशीनबांस की काड़ी बनाने वाली मश्ीान विकसित करने वाले सीआईएई के प्रधान वैज्ञानिक डा। रंजीत कपूर बताते हैं कि अभी अगरबत्ती की काड़ी बनाने के लिए दो मुख्य तरीके हैं। अगरबत्ती की काड़ी हाथ से बनाई जा सकती है या फिर महंगी मशीन की मदद ली जा सकती है। मशीन से काड़ी बनाने के लिए 8 से 10 लाख रुपये का निवेश करना पड़ता है। इसमें मशीन से बांस की पूरी प्रोसेसिंग की जाती है। इसके अलावा काड़ी बनाने के साथ अगरबत्ती बनाने के लिए आवश्यक अन्य कामों को भी अंजाम दिया जाता है। इस मशीन से टूथ पिक्स, आइसक्रीम स्टिक सहित बांस के अन्य उत्पाद भी बनाए जा सकते हैं। लेकिन अत्यधिक निवेश आवश्यकता होने के कारण यह मशीन ग्रामीण स्तर पर छोटे व्यावसायियों के लिए उपयोगी नहीं है। वे अगरबत्ती बनाने की पूरी यूनिट लगाने पर मामूली पूंजी ही लगाना चाहते हैं। ऐसे छोटे व्यावसायियों को हाथ से ही काड़ी बनानी पड़ती है। इसके लिए दरांती के सहायता से बांस की कांड़ियां बनाई जाती हैं। लेकिन यह काम जटिलता भरा होने के साथ ही अधिक समय लेने वाला होता है। इस कारण लागत भी ज्यादा आती है। हाथ से काड़ी बनाए जाने के कारण उनके आकार और प्रकार में समानता नहीं रह पाती है। ऐसे में संस्थान द्वारा विकसित मशीन काफी उपयोगी होगी। इस मशीन से एक समान आकार वाली काड़िया बेहद आसान ढंग से बनाई जा सकती हैं। इसमें खासियत यह है कि इस मशीन की सहायता से आठ घंटे में 5 किलो काड़ियां बनाई जा सकती हैं। मशीन से काड़ी पांचगुना ज्यादा तेजी से बनाई जा सकती हैं।मामूली कीमत की मशीनडा. कपूर के मुताबिक फिलहाल इस मशीन का व्यावसायिक उत्पादन शुरू नहीं हुआ है। जिसके चलते इसका बाजार मूल्य बता पाना मुश्किल है। लेकिन सीआईएई द्वारा मशीन विकसित करने के दौरान करीब तीन हजार रुपये की लागत आई है। वे कहते हैं कि व्यावसायिक तौर पर उत्पादन शुरू होने पर मशीन की कीमत 3000 रुपये के आसपास ही रहने की उम्मीद है। इससे जुड़ी प्रौद्योगिकी सीआईएई के पास उपलब्ध है। इस मशीन से काड़ी बनाने में कम श्रमिकों की आवश्यकता होगी। इसलिए काड़ बनाने की लागत कम हो जाएगी। सामान्यत: एक श्रमिक दिन भर में एक किलो काड़ी बना सकता है। वहीं एक व्यक्ति मशीन से आठ घंटे में 5 किलो काड़ी बना सकता है। इस तरह मशीन से काड़ी बनाने की लागत काफी कम हो जाएगी।मशीन चलाने का तरीकाअगरबत्ती के लिए बांस की काड़ी बनाने के लिए सबसे पहला काम है, बांस को गांठों के बीच के हिस्से को काट लेना चाहिए। इस तरह बांस के करीब 10-10 इंच के टुकड़े हो जाएंगे। इसके बाद मशीन में बांस के टुकड़े लगाकर उसका हैंडल घुमाया जाता है। जिससे 10 मिलीमीटर मोटाई की 6 इंच अथवा 8 इंच लंबाई की काड़ी(स्टिक) बनाई जा सकती है। (बिज़नस भास्कर)
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