नई दिल्ली 02 12, 2010
खरीफ में कम उत्पादन होने के चलते देश का खाद्यान्न उत्पादन चालू साल में 7.28 प्रतिशत गिरने का अनुमान लगाया जा रहा है।
सरकार द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक इस साल उत्पादन गिरकर 2168.5 लाख टन रह जाएगा। उत्पादन में गिरावट मुख्य रूप से चावल, मक्के, तिलहन और मोटे अनाज की होगी। देश में 2008-09 में कुल उत्पादन रिकॉर्ड 2338.8 लाख टन हुआ था।
पिछले मॉनसून सत्र में बारिश की कमी और असमान मौसम केचलते खरीफ की फसलों के उत्पादन, खासकर चावल, मोटे अनाज, और गन्ने पर बुरा असर पड़ा था। इसकी वजह से खाद्यान्न की कीमतों में तेजी आई और खाद्य महंगाई दर में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई। 30 जनवरी को समाप्त सप्ताह में खाद्यान्न महंगाई दर 17.94 प्रतिशत पर पहुंच गई।
बहरहाल शुरुआती संकेतों से पता चलता है कि रबी सीजन में पैदावार अच्छी रहेगी। रबी की फसलों का उत्पादन अनुमानत: 2009-10 में पिछले साल के आंकड़े को पार कर जाएगा, जो पिछले साल रिकॉर्ड स्तर पर था। रबी सीजन में अधिक उत्पादन के चलते दालों का कुल उत्पादन साल के दौरान उम्मीद की जा रही है कि पिछले साल के 1,80,000 टन के आंकड़ों को पार कर जाएगा।
रैपसीड और सरसों का उत्पादन भी उम्मीद की जा रही है कि 2,30,000 टन रहेगा। इससे रबी के मौसम में हुए तिलहन के उत्पादन के आंकडों के चलते पिछले साल हुए 2,20,000 टन उत्पादन का आंकड़ा पीछे छूट जाएगा।
अगर मौसम अनुकूल रहा तो रबी की कुछ फसलों में आने वाले दिनों में भी सुधार होगा। फसलों के सिलसिले में तीसरा अग्रिम अनुमान अप्रैल 2010 में जारी होगा। (बीएस हिन्दी)
13 फ़रवरी 2010
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