नई दिल्ली February 24, 2010
ट्रांसपोर्टरों ने नैशनल परमिट के नए नियम को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की है। उन्होंने डीजल की कीमत बढ़ाने पर देशव्यापी आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है।
ट्रांसपोर्टरों के मुताबिक ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस एवं केंद्र सरकार के बीच चार माह पहले हुई एक बैठक में सरकार ने 1 जनवरी, 2010 से नैशनल परमिट के नए नियम को लागू करने की बात कही थी। लेकिन इसे अब तक लागू नहीं किया गया है।
अब कहा जा रहा है कि नए नियम को लागू होने में अभी कुछ और वक्त लगेगा। नए नियम के मुताबिक नैशनल परमिट के लिए ट्रांसपोर्टरों को मात्र 15 हजार रुपये की राशि देनी होगी। अभी हर राज्य अलग-अलग परमिट जारी करता है और चार-पांच प्रांतो के परमिट के लिए ही ट्रांसपोर्टरों को 20-25 हजार रुपये का भुगतान करना पड़ता है।
ट्रांसपोर्टर कहते हैं कि वर्तमान में किसी राज्य में माल ले जाने का ऑर्डर मिलने के बावजूद उस राज्य के परमिट के अभाव में वे वहां नहीं जा पाते हैं। लेकिन नैशनल परमिट मिलने पर ऐसी समस्या नहीं आएगी और उनका कारोबार बढ़ जाएगा।
ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ओपी अग्रवाल ने बताया कि नए नियम को परिवहन विकास परिषद (टीडीसी)ने भी पारित कर दिया है। फिर इसे लागू करने में विलंब किया जा रहा है। ट्रांसपोर्टर आने वाले समय में डीजल की कीमत में बढ़ोतरी को भी लेकर चिंतित है।
उनका कहना है कि खाड़ी देश से भारत के बंदरगाह तक आने में डीजल की लागत 31.15 रुपये प्रति लीटर होती है। इस लागत में उत्पाद शुल्क, वैट व सीमा शुल्क भी शामिल हैं। फिलहाल भारत में डीजल की कीमत 34-36 रुपये प्रति लीटर चल रही है।
ट्रांसपोर्टर बताते हैं डीजल की खरीद पर उन्हें प्रति लीटर 2 रुपये सड़क विकास के नाम पर देना पड़ता है। दूसरी तरफ सरकार उनसे टौल टैक्स भी वसूलती है। (बीएस हिंदी)
24 फ़रवरी 2010
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