मुंबई February 15, 2010
महंगाई दर को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक की चिंता के लिए और भी कारण मौजूद हैं।
औद्योगिक जिंसों की कीमतें विभिन्न सेगमेंट में तेजी से बढ़ रही हैं। विश्लेषकों का कहना है कि इसका थोक मूल्य सूचकांक के गैर खाद्यान्न सेगमेंट पर गंभीर असर पड़ेगा। स्टील, सीमेंट, कोयला, लौह अयस्क, टायरस पेट्रोकेमिकल्स और प्लास्टिक जैसे कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी का भार उत्पादकों ने अपने ग्राहकों पर डालना शुरू कर दिया है।
वैश्विक रूप से बेंजीन, नाफ्था, एथेलीन जैसे पेट्रोकेमिकल्स की कीमतें भी बढ़ी हैं, जो तमाम तरह के केमिकल्स और पॉलिमर्स बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल होता है। एवेंडस कैपिटल के शोध प्रमुख आनंद शानभाग ने कहा, 'विनिर्मित जिंसों की कीमतों में स्थिरता रहने से औद्योगिक जिंसों की सामग्री की कीमतें बढ़ेंगी।
लंबे समय तक आपूर्ति सौदों से उत्पादकों को सुरक्षा थोड़े समय के लिए मिल सकती है, लेकिन सौदों के नवीकरण के बाद से कीमतें बढ़ जाएंगी। औद्योगिक गतिविधियों के समर्थन से उत्पादकों को कीमतों का बोझ खरीदारों पर डालने का अवसर मिलेगा।'
प्लैट्स ग्लोबल पेट्रोकेमिकल इंडेक्स पिछले सप्ताह 1,200 के आंकड़े को पार कर गया। यह अक्टूबर 2008 के बाद का उच्चतम स्तर है। यह सूचकांक महत्वपूर्ण पेट्रोकेमिकल्स की कीमतों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसका प्रयोग प्लास्टिक और सिंथेटिक टेक्सटाइल के साथ अन्य के निर्माण में होता है।
2009 में एथेलीन 115 प्रतिशत, नाफ्था 112 प्रतिशत, बेंजीन 50 प्रतिशत और पीबीसी की कीमतें 24.5 प्रतिशत बढ़ी थीं। 2010 में बेंजीन की कीमतें पहले ही 17 प्रतिशत और पीवीसी की कीमतें 5.4 प्रतिशत बढ़ चुकी हैं।
जानकारों का कहना है कि कीमतें कुछ समय के लिए नीचे आ सकती हैं, लेकिन मांग ज्यादा है, जिसकी वजह से उत्पादकों को कीमतें बढाने का मौका मिल रहा है। सुप्रीम इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक एमपी तापड़िया ने कहा, 'पेट्रोकेमिकल्स और पॉलिमर्स की मांग तेजी से बढ़ रही है और अब यूरो जोन में मांग बढ़ी है। इसकी वजह से कीमतों में तेज बढ़ोतरी हुई है। मुझे नहीं लगता कि कीमतें इस स्तर से 5 प्रतिशत से ज्यादा गिरेंगी।'
स्टील की कीमतें दिसंबर से ही बढ़ रही हैं। इसकी प्रमुख वजह मांग में तेजी है। अब कच्चे माल की कीमतें बढ़ रही हैं। हॉट रोल्ड क्वायल की कीमतें, जिसका प्रयोग उपभोक्ता वस्तुओं और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में होता है, पिछले तीन महीनों के दौरान 25,00 रुपये प्रति टन बढ़कर 30,000 रुपये प्रति टन पर पहुंच गई हैं।
जेएसडब्ल्यू स्टील के निदेशक (बिक्री एवं विपणन) जयंत आचार्य ने कहा कि कच्चे माल की कीमतें अनुमान से ज्यादा बढ़ी हैं। आचार्य ने कहा कि कोकिंग कोल और लौह अयस्क की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में भी तेजी आएगी। लंबी अवधि के सौदों की अवधि अप्रैल तक है। उन्होंने कहा कि दीर्घावधि के हिसाब से देखें तो इसका असर स्टील की कीमतों पर दिखेगा। (बी स हिन्दी)
16 फ़रवरी 2010
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