22 फ़रवरी 2010
विदेश में कॉटन महंगी होने से भारतीय निर्यातकों को फायदा
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन की कीमतें बढ़ने से भारतीय निर्यातकों को अच्छा मुनाफा हो रहा है। पिछले बारह दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन की कीमतों में 12।8 फीसदी की तेजी आ चुकी है। घरलू बाजार में इस दौरान कॉटन की कीमतों में 200 रुपये प्रति कैंडी (प्रति कैंडी 356 किलो) का सुधार आया है। विश्व बाजार में कुल उत्पादन के मुकाबले सप्लाई कम होने के कारण कॉटन की कीमतों में और भी तेजी की ही संभावना है। नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि विश्व में कुल उत्पादन के मुकाबले सप्लाई कम है। इसीलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन के दाम तेज ही बने रहने की संभावना है। इस समय भारत से चीन, बांग्लादेश और पाकिस्तान की कॉटन की अच्छी मांग है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले बारह दिनों में कॉटन की कीमतों में 12.8 फीसदी की तेजी आ चुकी है। पांच फरवरी को न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में मार्च वायदा अनुबंध के भाव 68.23 सेंट प्रति पाउंड थे जोकि 18 फरवरी को बढ़कर 76.97 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुए। कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया के मुताबिक चालू कॉटन सीजन वर्ष 2009-10 में कॉटन का निर्यात बढ़कर 65 लाख गांठ (प्रति गांठ 170 किलो) का होने का अनुमान है। जबकि भारत में आयात भी करीब 9 लाख गांठ का होने की संभावना है। चालू सीजन में बकाया स्टॉक और उत्पादन तथा आयात मिलाकर देश में कॉटन की कुल उपलब्धता करीब 380 लाख गांठ से कम बैठेगी। जबकि भारत में कॉटन की सालाना खपत करीब 250 लाख गांठ की होती है। टैक्सटाइल कमिश्नर के आंकड़ों के मुताबिक चालू सीजन में एक सिंतबर से अभी तक 51 लाख गांठ कॉटन के निर्यात सौदे पंजीकृत हो चुके हैं जबकि इसमें से 27 लाख गांठ की शिपमेंट हो चुकी है।राकेश राठी ने बताया कि अभी तक मंडियों में 185 लाख गांठ से ज्यादा की आवक हो चुकी है तथा चालू सीजन में कॉटन का उत्पादन 300 लाख गांठ के करीब रहने का अनुमान है। विश्व में सबसे ज्यादा कॉटन की खपत चीन में होती है तथा भारत खपत में दूसर नंबर पर है। चीन में उत्पादन पिछले साल से कम हुआ है इसलिए चीन की अच्छी मांग आगे भी बनी रहने की संभावना है। कॉटन व्यापारी संजीव गुप्ता ने बताया कि विदेशी बाजार में भाव तेज होने के कारण घरलू बाजार में भी दाम बढ़े हैं। शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव गुजरात की मंडियों में 200 रुपये की तेजी आकर भाव 26,800 से 27,100 रुपये प्रति कैंडी हो गए। घरलू बाजार में दाम बढ़ने के कारण उत्पादक मंडियों में आवक भी बढ़ गई है। उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में दैनिक आवक बढ़कर 13,500 गांठ हो गई। उधर गुजरात की मंडियों में भी आवक 40 हजार से बढ़कर 45 हजार गांठ और महाराष्ट्र की मंडियों में 25 हजार से बढ़कर 30 हजार गांठ की हो गई।rana@businessbhaskar.netबात पते कीउत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में दैनिक आवक बढ़कर 13,500 गांठ हो गई। उधर गुजरात की मंडियों में भी आवक 40 हजार से बढ़कर 45 हजार गांठ और महाराष्ट्र की मंडियों में 25 हजार से बढ़कर 30 हजार गांठ की हो गई। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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