27 फ़रवरी 2010
बजटः जो आप जानना चाहते हैं
वित्त वर्ष 2010-11 के लिए आम बजट और रेल बजट पेश हो चुका है। दादा के पिटारे में आयकर रियायत का गिफ्ट था। तो दीदी ने एक बार फिर यात्री किराया न बढ़ाकर आम आदमी को निहाल किया। भास्कर.कॉम ने आपको बजट के हर पहलू से अवगत कराया। हर घटना क्रम पर हमारी पैनी नज़र रही ताकि आपको छोटी- बड़ी खबर से अवगत कराया जा सके। हमारे विशेषज्ञों ने आपको बजट को समझने में मदद की। आइए एक नज़र डालते हैं कुछ खास खबरों और विश्लेषणों पर-बजट 2010 : कुछ खास बातेंवित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने ‘आम आदमी’ को राहत देने के नाम पर बजट पेश किया, लेकिन महंगाई बढ़ गई। आयकर में फायदा केवल उन्हें मिलेगा जिनकी आय 45 हजार रु महीना है। पेट्रोल-डीजल के दाम हाथोहाथ करीब 2 रु. 67 पैसे बढ़ गए। अन्य खास खबरें* बजट से बढ़ेगी महंगाईमहंगाई की मार झेल रही जनता ने आम बजट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस संबंध में हर किसी की जुबान से एक ही बात निकली कि बजट से महंगाई कम नहीं होगी बल्कि और बढ़ेगी। स्वयं कांग्रेसी भी दबी जुबान से स्वीकार रहे हैं कि बजट जनता के हित में नहीं है तथा लोगों को महंगाई खून के आंसू रुलाएगी।* आम बजट से किसानों को राहतवित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा शुक्रवार को लोकसभा में पेश किए गए आम बजट को लेकर राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, उद्यमियों और प्रमुख लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा के नेताओं ने बजट को महंगाई में देश को जलाने वाला बताया है, वहीं कांग्रेस के नेताओं ने कहा है कि बजट से देश के आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी। * 2010-11 का बजट : कॉर्पोरेट खुश क्यों?2010-11 का बजट आया तो कॉर्पोरेट जगत के चेहरे पर हंसी लेकर। फाइनेंशियल सेक्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए खुशियां लौटीं। राहत पैकेजों के वापस होने की खबर तो आई लेकिन 14 प्रतिशत की बजाए एक्साइज 10 प्रतिशत ही रहा। ये कॉपरेरेट सेक्टर के लिए सबसे बड़ी खुशी है।कॉर्पोरेट जगत के लोग इसे संतुलित और विकासपरक बजट मान रहे हैं। * बजट से उद्योग जगत को आखिर क्या क्या मिला?2010-11 का बजट आया तो कॉपरेरेट जगत के चेहरे पर हंसी लेकर। फाइनेंशियल सेक्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए खुशियां लौटीं। राहत पैकेजों के वापस होने की खबर तो आई लेकिन 14 प्रतिशत की बजाए एक्साइज 10 प्रतिशत ही रहा। ये कॉपरेरेट सेक्टर के लिए सबसे बड़ी खुशी है। कॉर्पाेरेट जगत के लोग इसे संतुलित और विकासपरक बजट मान रहे हैं। * आम बजट : कहीं मुश्किल तो कहीं सौगातशुक्रवार को आया केंद्र का बजट सभी वर्र्गों के लिए एक जैसा नहीं है। किसी वर्ग को इससे खुशी तो किसी को नाराजगी है। र्ईंधन के दाम बढऩे से तो हर वर्ग खफा है, लेकिन आयकर में छूट मिलने की बात से वे करदाता खुश हैं जो नियमित कर चुकाते हैं। केंद्र का बजट घर के बजट पर भारी पडऩे वाला है। घरेलू संसाधनों के लिए सरकार ने विशेष ध्यान नहीं दिया है। आम आदमी के लिए राहत के इंतजाम नहीं हैं। * इन्वेस्टमेंट x शेयर : बजट से उम्मीदें जगींबजट में घोषणाओं का पिटारा खुला और बाजार में उम्मीद जगाने का प्रयास भी हुआ। निवेशकों ने उछाल इसका फायदा भी उठाया। सेंसेक्स 400 अंक उछलने के बाद केवल 175 अंक बढ़कर ही सिमट गया। एनएसई निफ्टी ६3 अंक बढ़कर 4922 अंक पर बंद हुआ।आयकर में राहत, महंगाई बढ़ेगीवित्त मंत्नी प्रणव मुखर्जी ने महंगाई का बोझ झेल रहे वेतनभोगियों को आयकर में भारी राहत दी है लेकिन अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे पटरी पर लौटने के मद्देनजर प्रोत्साहन पैकेज को आंशिक रूप से वापस लेने की उनकी घोषणा से पेट्रोलियम पदार्थो तथा कई अन्य वस्तुओं के दाम और चढ़ेंगे। (दैनिक भास्कर)
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