18 फ़रवरी 2010
जीएम फसलों से ही खाद्य सुरक्षा
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने पर्यावरण मंत्रालय द्वारा बीटी बैंगन की खेती पर फैसला टाले जाने के निर्णय से सहमति जताने के बावजूद जेनेटिकली मॉडीफाइड (जीएम) फसलों की वकालत की है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा जीएम फसलों से ही सुनिश्चित की जा सकेगी। पवार ने वैज्ञानिकों को इस चुनौती का सामना करने की सलाह दी।कृषि मंत्री ने कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश की खाद्य सुरक्षा का समाधान जीएम फसलों द्वारा ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि बीटी बैंगन की खेती पर फैसला टालने के पर्यावरण मंत्रालय के निर्णय का वह सम्मान करते हैं। साथ ही उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि वे इस निर्णय को चुनौती के रूप में लें और वैज्ञानिक तरीके से इसका जवाब दें। पवार का कहना है कि जीएम फसलों के द्वारा ही फसल पैदावार में वृद्धि, उत्पादन लागत में कमी, जैव विविधता का संरक्षण और गरीब व विकासशील देशों से गरीबी उन्मूलन संभव है। पवार का कहना है कि बढ़ती आबादी की जरूरतों को जैवप्रौद्योगिकी द्वारा विकसित जीएम फसलों के उपयोग से ही पूरा किया जा सकता है। पवार ने संवाददाताओं से बातचीत में उम्मीद जाहिर की कि जल्द ही खाद्य वस्तुओं के दामों में गिरावट आएगी। अगले दो महीनों में रबी गेहूं की अच्छी पैदावार होने के कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी। पवार ने कहा कि गेहूं, चावल, दालों और चीनी के दामों में कुछ गिरावट दिखनी शुरू हो गई है और मार्च के अंत तक खाद्य वस्तुओं के दामों में काफी कमी आने की संभावना है। (बिज़नस भास्कर)
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