17 फ़रवरी 2010
गेहूं की सरकारी खरीद
गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद राजस्थान और गुजरात में 15 मार्च से और हरियाणा और पंजाब में पहली अप्रैल से शुरू हो जाएगी। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नए विपणन सीजन में एमएसपी पर 250 लाख टन गेहूं और 260 लाख टन चावल खरीदने का लक्ष्य है। उधर राज्य सरकारों द्वारा गेहूं और चावल का उठान न किए जाने से केंद्र सरकार के पास पहली अप्रैल को गेहूं का बकाया स्टॉक 147 लाख टन के पूर्व अनुमान के मुकाबले ज्यादा रहेगा। तय बफर स्टॉक के तय मानकों के अनुसार गेहूं का स्टॉक पहली अप्रैल को सिर्फ 40 लाख टन होना चाहिए। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी दूसर अग्रिम अनुमान के अनुसार गेहूं का उत्पादन पिछले साल के 805 लाख टन से घटकर 802 लाख टन होने की संभावना है। पिछले साल एमएसपी पर 253 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीद हुई थी जबकि पिछले साल केंद्र सरकार ने गेहूं का एमएसपी 1080 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था। नए खरीद सीजन के लिए केंद्र सरकार ने एमएसपी 1100 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। इस समय दिल्ली में गेहूं का दाम 1350 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) 1254।08 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत निविदा के माध्यम से गेहूं की बिकवाली कर रहा है। जानकारों के अनुसार चालू खरीद सीजन में 240-250 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों द्वारा कम उठान किए जाने के कारण भी सरकारी गोदामों में गेहूं व चावल का बंपर स्टॉक बचा है। केंद्रीय पूल में पहली फरवरी को 206.23 लाख टन गेहूं और 256.58 लाख टन चावल का भारी भरकम स्टॉक बचा था। चालू विपणन सीजन में अभी तक एफसीआई 217.3 लाख टन चावल की खरीद कर चुकी है जबकि 260 लाख टन खरीद का लक्ष्य है।15 मार्च से गेहूं की एमएसपी पर राजस्थान और गुजरात में खरीद शुरू हो जाएगी तथा पहली अप्रैल से हरियाणा और पंजाब और अन्य राज्यों में खरीद शुरू होगी। नई फसल को देखते हुए फ्लोर मिलों ने पहले की तुलना में एफसीआई के गेहूं का उठान कम कर दिया है। ऐसे में केंद्र सरकार को खरीदे हुए गेहूं और चावल को रखने के लिए भी भारी मशक्कत करनी पड़ेगी। एफसीआई के पास कुल भंडारण क्षमता 250 लाख टन की ही है। (बिसनेस भास्कर....आर अस राणा)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें