नई दिल्ली February 20, 2010
चीनी बिक्री एवं उसके लदान का पूरा ब्योरा चीनी निदेशालय को नहीं भेजने पर निदेशालय ने उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र की 50 से अधिक मिलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
उधर मिलर्स का कहना है कि उन्होंने तय समय के भीतर स्पीड पोस्ट एवं रजिस्ट्री के जरिए जनवरी माह की चीनी बिक्री व उसके लदान का रिकॉर्ड चीनी निदेशालय को भेज दिया है। सिर्फ मिलर्स को बेवजह तंग करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (इस्मा) ने भी इस संबंध में चीनी निदेशालय को खत लिखकर मिलर्स की तरफ से इस कार्रवाई पर आपत्ति जाहिर की है। चीनी मिलर्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश की 40 मिलों के दिसंबर माह के कोटे को लेवी कोटे में सिर्फ इसलिए बदल दिया गया क्योंकि चीनी निदेशालय को इन मिलों की तरफ से दिसंबर माह की चीनी बिक्री व लदान का पूरा ब्योरा निदेशालय को प्राप्त नहीं हुआ।
सहारनपुर स्थित दया शुगर्स के सलाहकार डीके शर्मा कहते हैं, 'दिसंबर माह के लिए हमारी मिल को 10,000 क्विंटल का कोटा जारी किया गया था जिसे लेवी में बदल दिया गया है। जबकि हमारे पास निदेशालय को दिसंबर माह की चीनी बिक्री व लदान का पूरा ब्योरा भेजने की स्पीड पोस्ट की रसीद है।
हमने निदेशालय को ई-मेल के जरिए भी इस संदर्भ में पूरी जानकारी दी थी। फिर भी हम मिलर्स को जानबूझ कर तंग करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। अब जनवरी माह के कोटे को लेवी कोटा में बदलने के लिए निदेशालय की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।' मिलर्स की शिकायत पर इस्मा ने भी चीनी निदेशालय को पत्र लिखा है, लेकिन अभी मिलर्स को कोई राहत नहीं मिली है।
नए नियम के मुताबिक चीनी मिलर्स को हर माह की चीनी बिक्री व उसके लदान का पूरा ब्योरा चीनी निदेशालय को भेजना अनिवार्य कर दिया गया है। नए नियम के तहत सरकार ने हर सप्ताह के लिए चीनी बिक्री का कोटा तय कर दिया है। इससे भी मिलर्स को काफी परेशानी हो रही है।
फरवरी माह के पहले सप्ताह में मिलर्स को अपने मासिक कोटे का 20 फीसदी, दूसरे सप्ताह में 30 फीसदी, तीसरे सप्ताह में 25 फीसदी व चौथे सप्ताह में 25 फीसदी चीनी की बिक्री करनी है। चीनी मिलर्स के मुताबिक अगर उनका मासिक कोटा 40,000 क्विंटल का है तो उन्हें फरवरी के तीसरे सप्ताह में 10,000 क्विंटल चीनी की खुली बिक्री करनी पड़ेगी।
लेकिन इस दौरान थोक कारोबारी उनसे मात्र 8,000 क्विंटल ही चीनी खरीदते हैं तो 2000 क्विंटल चीनी उन्हें लेवी के कोटे में देना होगा। इससे उन्हें घाटे का सामना करना पड़ सकता है।
उप्र और महाराष्ट्र की 50 मिलों को कारण बताओ नोटिस
चीनी की बिक्री और उसके लदान का पूरा ब्योरा न भेजे जाने के चलते चीनी निदेशालय ने उत्तर प्रदेश और महाराष्ठ्र की 50 मिलों को कारण बताओ नोटिस जारी कियामिलों का कहना है कि हमें जानबूझकर तंग किया जा रहा है, हमने सारी जानकारी भेज दी है (बीएस हिन्दी)
20 फ़रवरी 2010
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