18 फ़रवरी 2010
ज्वैलरी में सोने की मांग घटी, निवेश के लिए बढ़ी
बीते वर्ष 2009 के दौरान सोने की वैश्विक मांग को निवेशकों से ही सहारा मिला। लेकिन ज्वैलरी के लिए और उद्योगों की ओर से सोने की मांग 11 फीसदी घट गई। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार भारत में सोने की मांग घटने के बावजूद वह दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश बना रहा।गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक बीते वर्ष के आखिरी महीनों में उद्योगों और ज्वैलरी के लिए सोने की मांग में सुधार दर्ज किया गया। लेकिन पूर वर्ष में कुल मांग हल्की ही रही। सोने के दाम तेजी से बढ़ने के कारण ज्वैलरी के लिए मांग कमजोर पड़ी। बीते वर्ष 2009 में सोने के दाम 35 फीसदी बढ़े। यविदेशी मुद्राओं के भारी अवमूल्यन और आर्थिक मंदी के बाद विश्व अर्थव्यवस्था में सुधार के कारण लंबे समय तक महंगाई जारी रहने की चिंता की वजह से सोने के मूल्य में बढ़ोतरी दर्ज की गई। रिपोर्ट के अनुसार बीते वर्ष की आखिरी तिमाही में सोने की वैश्विक मांग पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 24 फीसदी घटकर 819.7 टन रही। लेकिन बीते वर्ष की दूसरी और तीसरी तिमाही के मुकाबले मांग ज्यादा रही। काउंसिल के मैनेजिंग डायरक्टर (सरकारी मामले) जॉर्ज मिलिंग स्टेनली ने बताया कि लोग सोना खरीदने के बार में दुबारा सोचने लगे हैं क्योंकि हालात सुधर रहे हैं। लेकिन निवेश के क्षेत्र में सोने की मांग मजबूत रही। इन दिनों विश्व बाजार में सोने का दाम 1120 डॉलर प्रति औंस के करीब चल रहा है। भारत के बार में रिपोर्ट का कहना है कि बीते साल में देश में सोने की कुल मांग 20फीसदी गिरकर 1747.3 टन रही। ज्वैलरी के लिए सोने की मांग कमजोर पड़ने से सोने का आयात बीते साल में 33फीसदी घटकर 480 टन रह गई। मांग घटने के बावजूद भारत विश्व का सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता देश बना रहा। (बिसनेस भास्कर)
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