लखनऊ February 24, 2010
उत्तर प्रदेश के गन्ना आयुक्त ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि निजी चीनी मिलों की आयातित कच्ची चीनी की यूपी में ढुलाई पर लगी रोक अब बदली हुई परिस्थितियों में हटाई जा सकती है।
पत्र में कहा गया है कि किसानों ने गत नवंबर माह में आंदोलन कर निजी चीनी मिलों द्वारा आयातित कच्ची चीनी की ढुलाई का विरोध किया था। सरकार का मानना है कि वर्तमान में कच्ची चीनी के आयात से रोक हटायी जा सकती है।
प्रदेश की कानून व्यवस्था को खराब होते देख अनुरोध किया गया था कि रेलवे कच्ची चीनी की ढुलाई रोक दे। रेलवे ने कच्ची चीनी के डिब्बे भी यूपी के बाहर रोक दिए थे। उसके बाद से प्रदेश की चीनी मिलों में सुगमता से पेराई चल रही है। सहकारी क्षेत्र की अधिकतर चीनी मिलें और निजी क्षेत्र की कुछ चीनी मिलें पेराई पूरी कर बंद हो चुकी हैं।
प्रदेश में उपलब्ध गन्ना उत्पादन के सापेक्ष पेराई कार्य अंतिम चरण में है और पेराई सत्र अब लंबे समय तक चलने की संभावना नहीं है। पेराई सत्र के समाप्त हो जाने के बाद अब कच्ची चीनी के आयात किए जाने से किसानों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होने वाला है। किसानों को उनके गन्ने का उचित मूल्य भी प्राप्त हो रहा है।
गन्ना पेराई के संदर्भ में प्रदेश में प्रथम दृष्टया कानून व शांति व्यवस्था स्थिर प्रतीत हो रही है। उप्र में रेलवे रेक के माध्यम से कच्ची चीनी के आयात या परिवहन की प्रक्रिया वर्तमान में शुरू की जाती है तो व्यावहारिक रूप में प्रदेश में कच्ची चीनी की आवक तभी होगी जब पेराई सत्र खत्म होने वाला होगा। लिहाजा कच्ची चीनी के परिवहन की प्रक्रिया दोबारा शुरू करने पर जरूरी कार्यवाही की जाए। (बीएस हिंदी)
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