नई दिल्ली February 18, 2010
देश के दूसरे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्य उत्तराखंड की चीनी मिलों ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए गन्ने के दाम में करीब 8 प्रतिशत कटौती का फैसला किया है।
पिछले एक पखवाड़े में चीनी की कीमतों में 15 प्रतिशत गिरावट के चलते मिलों ने किसानों को गन्ने की कीमत 20 रुपये प्रति क्विंटल के भाव देने का फैसला किया है। इस कदम से मिलों को चीनी की कीमतें गिरने के बाद बेहतर मुनाफा मिल सकेगा। देश की प्रमुख चीनी कंपनियों बजाज हिंदुस्तान, बलरामपुर चीनी और त्रिवेणी इंजीनियरिंग राज्य में चीनी मिलें चलाती हैं।
उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिशन (यूपीएसएमए) और उत्तराखंड शुगर मिल्स एसोसिएशन की एक बैठक में मिलों ने यह फैसला किया। यूपीएसएमए के एक अधिकारी ने कहा, 'सदस्यों ने एकमत से यह फैसला किया है कि गन्ने की कीमतों में 20 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की जाए।
केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद चीनी की घटती कीमतों की वजह से यह फैसला करना पड़ा। अगर आने वाले दिनों में चीनी की कीमतों में और गिरावट होती है तो हम स्थिति पर फिर से विचार करेंगे।' उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें इस समय 260-265 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से गन्ने के दाम का भुगतान कर रही हैं, जबकि उत्तराखंड में गन्ने की कीमत 270-275 रुपये प्रति क्विंटल है।
नवंबर में गन्ने की पेराई शुरू होने के बाद से उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने लगातार गन्ने के दाम में बढ़ोतरी की है और इस समय कीमतें 260-65 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गई हैं। वहीं गन्ने का राज्य समर्थित मूल्य 165-170 रुपये प्रति क्विंटल है। चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ गन्ने के दाम में भी बढ़ोतरी हुई।
गन्ने की कमी और चीनी के दाम में बढाेतरी के चलते राज्य के किसानों ने गन्ने के दाम 280 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने को लेकर प्रदर्शन किए। पिछले साल मिलों ने एसएपी 140-145 रुपये प्रति क्विंटल के भाव गन्ने का भुगतान किया था।
उत्तर प्रदेश के एक मिल मालिक ने कहा, 'हमने नवंबर के मध्य से गन्ने की पेराई 190-195 रुपये प्रति क्विंटल के अलावा 25 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दिए जाने के साथ शुरू की थी। बहरहाल, कुछ मिलों को गन्ना मिलने में मुश्किलें आईं और उन्होंने 200-205 रुपये प्रति क्विंटल के भाव गन्ना खरीदना शुरू किया।
चीनी उद्योग ने दिसंबर के अंत में 20 रुपये प्रति क्विंटल और प्रोत्साहन राशि देना शुरू किया। इस तरह से नियमित अंतराल पर गन्ने के दाम में बढ़ोतरी होती रही। जनवरी में चीनी की कीमतें 43,00 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गईं। बहरहाल सरकार द्वारा चीनी के साप्ताहिक रिलीज ऑर्डर और स्टॉक सीमा लागू किए जाने के बाद से कीमतें गिरनी शुरू हो गईं।' इस समय दोनों राज्यों में चीनी के एक्स मिल भाव 3500-3600 रुपये प्रति क्विंटल हैं।
उद्योग जगत के अनुमान के मुताबिक अगर गन्ने की खरीद 260 रुपये प्रति क्विंटल और चीनी की रिकवरी 9 प्रतिशत होती है तो इसमें कनवर्जन लागत और ब्याज दरें (मोलैसिस की कीमत, पॉवर का राजस्व और 20 प्रतिशत लेवी शुगर 1300-1400 रुपये प्रति क्विंटल के भाव दिए जाने की लागत को शामिल करने पर) चीनी की कीमतें 37,00 रुपये प्रति क्विंटल पड़ती हैं।
चीनी के दाम में तेज गिरावट से मजबूर हुईं मिलें
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की चीनी मिलों ने एक बैठक में गन्ने की कीमतें 20 रुपये प्रति क्विंटल घटाने का फैसला कियाचीनी की कीमतों में पिछले एक पखवाड़े में 15 प्रतिशत की कमी के चलते मिलें हुईं मजबूरउप्र में गन्ना 260-265 रुपये और उत्तराखंड में 275 रुपये प्रति क्विंटल (बीएस हिन्दी)
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