22 फ़रवरी 2010
कैटलफीड के मूल्य में 17 फीसदी की भारी कमी
स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने से कैटलफीड की कीमतों में पिछले दो महीने में 10 से 17 फीसदी की भारी गिरावट आ चुकी है। उत्पादक राज्यों में बिनौले का बंपर स्टॉक है जबकि सरसों और चने की नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है। चालू रबी में सरसों के साथ चने का उत्पादन भी बढ़ने की संभावना है। इसलिए मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की संभावना है। मैसर्स रामधारीमल पुरुषोत्तम दास के मैनेजर आशीष बंसल ने बताया कि स्टॉकिस्टों के पास बिनौले का स्टॉक ज्यादा है जबकि इसके मुकाबले मांग कमजोर है। इसीलिए बिनौला और बिनौला खली की कीमतों में पिछले दो महीने में क्रमश: 10।8 और 12.2 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। दिसंबर के मध्य में हरियाणा की मंडियों में बिनौले का भाव 1840 रुपये प्रति क्विंटल था जो घटकर इस समय 1640 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह से बिनौला खली का भाव 1550 रुपये से घटकर 1360 रुपये प्रति क्विंटल हर गया। उन्होंने बताया कि सरसों और चने की नई फसल की आवक को देखते हुए चना चूरी, छिल्का और सरसों खल में भी मांग घट गई है। सरसों खल के दाम दिसंबर के मध्य में 1550 रुपये प्रति क्विंटल थे जो शनिवार को घटकर 1225 रुपये, चना चूरी के भाव 1600 रुपये से घटकर 1325 रुपये और चना छिल्के का भाव 1250 रुपये से घटकर 1040 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। चने के उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना से इसकी मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की संभावना है। पंजाब की मानसा मंडी के खली व्यापारी संजीव गर्ग ने बताया कि फसल के समय स्टॉकिस्टों की खरीद बढ़ने से बिनौला और बिनौला खली के भाव काफी तेज हो गए थे। इस समय स्टॉकिस्टों की बिकवाली ज्यादा आ रही है जबकि मांग कम है। बिनौला के दाम दिसंबर में 1650 रुपये प्रति क्विंटल थे जो घटकर इस समय 1450 रुपये प्रति क्विंटल (टैक्स अलग) रह गए। इसी तरह से सरसों खल के दाम भी 1500 रुपये से घटकर 1400 रुपये प्रति क्विंटल और बिनौला खली के भाव 1500 रुपये से घटकर 1325 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। अशोका ट्रेडर्स के अशोक कुमार ने बताया कि सरसों का उत्पादन 60-62 लाख टन होने का अनुमान है जबकि सरसों का बकाया स्टॉक भी करीब आठ-दस लाख टन बचा है। इसीलिए सरसों की कीमतों में पिछले दो महीने में करीब 400-450 रुपये की गिरावट आकर भाव 2440-2480 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। चने के दाम भी इस दौरान करीब 200 रुपये घटकर 2200 रुपये प्रति `िंटल रह गए। होली के बाद चने की दैनिक आवक बढ़ जाएगी जिससे मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट के आसार हैं। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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