19 फ़रवरी 2010
न्यूट्रिएंट आधारित खाद सब्सिडी मंजूर
देश भर में उर्वरकों की पोषक तत्व आधारित सब्सिडी नीति को कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही देश भर में उर्वरक के तौर पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले यूरिया की कीमतों में 10 फीसदी बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया है। उधर, यूरिया को छोड़ अन्य सभी उर्वरकों की कीमतों को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया है। इससे उर्वरक निर्माता कंपनियों को अब दाम तय करने की छूट मिल गई है।गुरुवार को इस बैठक में फॉस्फेटिक और पोटेशिक उर्वरकों की पोषक तत्व यानी न्यूट्रिएंट्स आधारित सब्सिडी नीति को मंजूरी दे दी गई। केंद्र सरकार ने एक अप्रैल 2010 से यूरिया की खुदरा कीमतों को 4,830 रुपये से बढ़ाकर 5,310 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया है। हालांकि, उर्वरक उद्योग ने आने वाले खरीफ सीजन के दौरान दामों में बढ़ोतरी न करने का फैसला किया है। ऐसे में खरीफ सीजन के दौरान उर्वरकों की कीमतें वहीं रहेंगी जौ मौजूदा समय में हैं।देश भर की उर्वरक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएआई) के प्रेसीडेंट सतीश चंद्र ने बिजनेस भास्कर को बताया कि उर्वरकों को नियंत्रण मुक्त करने की नीति का उर्वरक उद्योग स्वागत करता है। भारत के किसानों और कृषि के लिए यह सबसे उपयुक्त पॉलिसी है। इसके तहत किसानों को फसल और जमीन की जरूरत के हिसाब से उपयुक्त उर्वरक बाजार में मिलेंगे। इससे निश्चित तौर पर देश की उत्पादकता पर सकारात्मक असर पड़ेगा। देश की सबसे बड़ी उर्वरक निर्माता कंपनी इफको के मैनेजिंग डायरक्टर डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि पोषक तत्व आधारित सब्सिडी नीति काफी उत्साहवर्धक है और यह किसानों एवं उवर्रक क्षेत्र के लिए अत्यधिक सहायक साबित होगी। उन्होंने कहा कि सरकार पर उवर्रक सब्सिडी का बोझ कम करने के अलावा यह नीति जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने व सतत आधार पर कृषि पैदावार बढ़ाने में सहायता करगी। टाटा केमिकल्स लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट कपिल मेहन ने बताया कि यह नीति लागू होने से किसानों को उर्वरक उपलब्धता की दिक्कत से निजात मिलेगी। साथ ही किसानों को ऐसे नए उत्पाद मिलेंगे जिसका उपयोग वे अपनी फसल और जमीन के हिसाब से कर सकेंगे। नई नीति के तहत उर्वरकों में मौजूद पोषक तत्वों के आधार पर सब्सिडी दी जाएगी। इस नीति के लागू होने के बाद कांप्लेक्स उर्वरकों की कीमतों में कमी आएगी जिसके चलते किसान इनका उपयोग करने के लिए प्रेरित होंगे। फिलहाल किसान यूरिया और डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। गौरतलब है कि फिलहाल देश में उत्पाद आधारित पॉलिसी लागू है जिसके तहत उत्पादों पर केंद्र सरकार सब्सिडी देती है। हालांकि, नई नीति की घोषणा के तुरंत बाद इसका विरोध भी शुरू हो गया है। ऑल इंडिया किसान सभा के प्रेसीडेंट एस. रामचंद्रन पिल्लई ने कहा कि यूपीए सरकार ने एक और किसान विरोधी कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि डीएपी, एमओपी आदि उर्वरकांे की कीमतें सरकार ने नियंत्रण मुक्त कर दी हैं जिससे किसानों पर बोझ और बढ़ जाएगा। (बिज़नस भास्कर)
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