अहमदाबाद February 22, 2010
इस साल गेहूं की रिकार्ड पैदावार की उम्मीदों को देखते हुए संभव है कि जून के अंत तक देश में गेहूं का बफर स्टॉक 4 करोड़ टन तक पहुंच जाएगा।
प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वैराइटीज ऐंड फारमर्स राइट्स अथॉरिटी के चेयरमैन एस नागराजन ने बताया कि इस साल देश में गेहूं की बंपर पैदावार संभव है। इससे सरकारी भंडार में भी भारी बढ़त होगी। जनवरी तक गेहूं का बफर स्टॉक 2.2 करोड़ टन हो चुका है।
नागराजन ने कहा, 'जून के अंत तक बफर स्टॉक 4 करोड़ टन का आंकड़ा छू लेगा।' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस साल गेहूं की सरकारी खरीद पिछले साल की तुलना में कम रह सकती है। पिछले साल सरकार ने 2.5 करोड़ टन गेहूं खरीदा था। गेहूं की फसल के लिए ठंडा मौसम फायदेमंद होता है। उन्होंने कहा, 'इस बार भारत में ठंड का मौसम फसल के लिहाज बेहतरीन रहा है।'
देश के मुख्य गेहूं उत्पादक राज्यों पंजाब और हरियाणा में जनवरी से फरवरी के मध्य तक तापमान अनुकूल रहा है। मध्यप्रदेश और गुजरात में भी गेहूं के लिए संभावनाएं अच्छी नजर आ रही हैं। अगर मार्च में ओलावृष्टि और बारिश फसल को प्रभावित नहीं करती हैं, तो इस बार गेहूं की पैदावार बहुत अच्छी रहेगी।
उन्होंने कहा, 'अगर मौसम आगे भी मेहरबान रहता है, तो हम 20-30 लाख टन अतिरिक्त उत्पादन हासिल कर पाएंगे। ठंडे मौसम का एक दिन लिए विस्तार प्रति हेक्टेयर 40 किलो तक गेहूं का उत्पादन बढ़ा देता है।' बढ़िया मौसम के साथ-साथ गेहूं के रकबे में विस्तार से भी उत्पादन में बढ़त संभव है।
2009-10 में देश का गेहूं उत्पादन 8।2 करोड़ टन रहने का अनुमान है। 2008-09 में यह 8.08 करोड़ टन रहा था। पिछले साल के 2.75 करोड़ हेक्टेयर की तुलना में इस बार गेहूं की खेती 2.77 करोड़ हेक्टेयर में की गई है। (बीएस हिंदी)
23 फ़रवरी 2010
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