नई दिल्ली February 24, 2010
खाद्य तेल उद्योग ने कहा है कि रिफाइंड तेल के आयात को शुल्क मुक्त कर देने से घरेलू इकाइयों पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इससे रिफाइनरियों के बंद होने की आशंका प्रबल हो जाएगी और सैकड़ों लोग सड़क पर आ जाएंगे।
इन दिनों खाद्य तेल बाजार में यह चर्चा गर्म है कि सरकार बजट में रिफाइंड तेल पर लगने वाले 7.5 फीसदी के आयात शुल्क को समाप्त करने जा रही है। आयात के शुल्क मुक्त होने पर कच्चे पाम तेल की तरह रिफाइंड तेल की आवक भी पहले के मुकाबले दोगुनी हो सकती है।
माना जा रहा है कि सरकार उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए रिफाइंड खाद्य तेल के आयात को शुल्क मुक्त करने का फैसला कर सकती है। द सेंट्रल आर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (सीओओआईटी) के मुताबिक सरकार अगर ऐसा कोई भी फैसला करती है तो खाद्य तेल उद्योग को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
सीओओआईटी के अध्यक्ष सत्यनारायण कहते हैं, 'रिफाइंड तेल के आयात पर कोई शुल्क नहीं होने पर देश की 250 रिफाइनरी इकाइयां खतरे में आ जाएंगी। अभी कम से कम कच्चे पाम या कच्चे सोयाबीन तेल को रिफाइन करने का काम तो इन इकाइयों में चल रहा है।'
एक अनुमान के मुताबिक देश में सालाना 40 लाख टन कच्चे तेल को रिफाइन किया जाता है। नवंबर, 2008 से सितंबर, 2009 के बीच भारत में 75 लाख टन से अधिक वनस्पति तेल का आयात किया गया था। इनमें 11 लाख टन से अधिक रिफाइंड खाद्य तेल की हिस्सेदारी थी। खाद्य तेल निर्माता कहते हैं कि रिफाइंड पर आयात शुल्क समाप्त होने के बाद यह हिस्सेदारी चौगुनी हो सकती है।
दूसरी तरफ खाद्य तेल निर्माता और कारोबारी यह भी कयास लगा रहे हैं सरकार बजट में रिफाइंड तेल से आयात शुल्क इसलिए नहीं हटाएगी क्योंकि खाद्य तेल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं है। उल्टा इसके भाव में कमी दर्ज की गई है। पिछले एक सप्ताह के दौरान कच्चे पाम तेल की कीमत (कांडला पोर्ट पर) 360-365 रुपये प्रति 10 किलोग्राम पर स्थिर है।
सरसों तेल (जयपुर मंडी में) की कीमत इस दौरान 503 रुपये प्रति 10 किलोग्राम से घटकर 476 रुपये प्रति 10 किलो हो चुकी है। सरसों 26 रुपये प्रति किलो से घटकर 24 रुपये किलो हो चला है। सोयाबीन (इंदौर मंडी में) में भी 30-40 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट दर्ज की गई है।
खाद्य तेल कारोबारी लक्ष्मीचंद अग्रवाल का कहना हैं कि सरकार को खाद्य तेल पर शुल्क के मामले में यथास्थिति कायम रखना चाहिए। फिलहाल देश में कच्चे पाम तेल के आयात पर कोई शुल्क नहीं है, लेकिन तेल उद्योग की मांग है कि सरकार को कच्चे पाम तेल पर भी आयात शुल्क लगाना चाहिए ताकि घरेलू तेल उत्पादकों को प्रोत्साहन मिल सके।
बजट में हट सकता है रिफाइंड तेल पर आयात शुल्क
7।5 फीसदी आयात शुल्क लगता है रिफाइंड तेल के आयात परआयात शुल्क हटने से रिफाइंड तेल की आवक हो सकती है दोगुनीपर देश की 250 रिफाइनरी इकाइयों पर पड़ेगी मारकच्चा पाम तेल और सोयाबीन तेल रिफाइन करती हैं देसी इकाइयांसालाना 40 लाख टन तेल की होती है रिफाइनिंग (बीएस हिंदी)
24 फ़रवरी 2010
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