नई दिल्ली February 16, 2010
चीनी ने रंग क्या बदला, उत्तर प्रदेश में तो उटोपिया ही होने लगा।
जी हां, कल तक गन्ने के भाव बढ़ाने वाली सूबे की चीनी मिलें अब उसके दाम में 6 फीसदी यानी 15 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती का मंसूबा बना रही हैं। दरअसल पिछले 15 दिनों में राज्य में चीनी के दाम में 15 फीसदी की गिरावट आई है।
अपना मुनाफा मार्जिन बरकरार रखने के लिए शनिवार को उत्तर प्रदेश चीनी मिल संगठन (यूपीएसएमए) की बैठक में इस मामले पर चर्चा की गई। उत्तर प्रदेश में बजाज हिंदुस्तान, बलरामपुर चीनी और त्रिवेणी इंजीनियरिंग जैसी कंपनियों की चीनी मिलें हैं।
संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बारे में अंतिम फैसले की घोषणा इस हफ्ते में की जा सकती है। चीनी के दाम बढ़ने के कारण चीनी मिलों ने भी किसानों को दी जाने वाली गन्ने की कीमत बढ़ाकर 260-265 रुपये प्रति क्विंटल तक कर दी थी।
हालांकि किसान चीनी के दाम काफी अधिक होने के कारण 280 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान की मांग कर रहे थे। उत्तर प्रदेश में एक चीनी मिल के मालिक ने कहा, 'हमने नवंबर के तीसरे हफ्ते से 190-195 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान किया।
हालांकि जिन मिलों को गन्ने की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी, उन्होंने नवंबर के अंत तक 200-205 रुपये प्रति क्विंटल कीमत पर गन्ना खरीदना शुरू कर दिया। इसके बाद मिलों ने दिसंबर के अंत में गन्ने की कीमत में 20 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया।
लगातार अंतराल पर गन्ने की कीमत में इजाफा हुआ है। जनवरी में चीनी के दाम 4,300 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए थे। लेकिन सरकारी हस्तक्षेप के कारण चीनी के दाम में गिरावट आई है।' फिलहाल राज्य में चीनी 3,500-3,600 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही है।
उद्योग के आंकड़ों के अनुसार 260 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर गन्ना खरीदने पर एक क्विंटल चीनी के उत्पादन की लागत करीब 3,700 रुपये आती है। मिल मालिक ने कहा, 'चीनी के दाम कम होने के बाद भी अगर हम किसानों से पहले की कीमत पर ही गन्ना लेते रहे तो हम घाटे में चले जाएंगे।'
घटेगी मिठास
गन्ने के दाम में 6 फीसदी कटौती कर सकती हैं मिलेंइसी हफ्ते इस पर फैसला होने की उम्मीदचीनी की कीमत गिरने के कारण उठा रही यह कदमनहीं घटाए गन्ने के दाम तो उठाना पड़ेगा घाटा (बीस हिन्दी)
16 फ़रवरी 2010
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