भोपाल February 20, 2009
मध्य प्रदेश सरकार ने निजी साझेदारी के जरिए राज्य के विभिन्न जिलों में खुद ही फूड पार्क बनाने का फैसला लिया है।
अब तक राज्यों में केंद्र सरकार की ओर से प्रायोजित फूड पार्क बनते रहे हैं। पर मध्य प्रदेश में मेगा फूड पार्क बनाने के मसले को केंद्र सरकार पिछले काफी समय से कोई तरजीह नहीं दे रही थी। इस वजह से राज्य सरकार ने खुद ही फूड पार्क विकसित करने का निर्णय लिया है।
इस साल दिसंबर में राज्य में कृषि आधारित उद्योगों को लेकर एक बैठक आयोजित करने की भी योजना है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस फूड पार्क को तैयार करने के लिए राज्य सरकार को कुछ विदेशी राष्ट्रों के साथ गठजोड़ करने में सफलता मिल जाएगी।
राज्य के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि फूड पार्कों में कृषि आधारित उद्योगों की क्षमताओं का आंकलन करने के बाद राज्य के हर जिले में फूड पार्क बनाए जाएंगे।
राज्य सरकार ने दो साल पहले उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग का गठन किया था। पर अब इस विचार को पीछे छोड़ते हुए उद्योग विभाग को इन फूड पार्कों के निर्माण का भार सौंपा गया है।
विजयवर्गीय ने बताया, 'हमारी योजना राज्य के हर जिले में फूड पार्क बनाने की है, पर शुरुआती चरण में उन जिलों की पहचान कर फूड पार्क बनाए जाएंगे, जहां से किसानों को अपने उत्पाद का बेहतर रिटर्न मिल सकेगा।'
हालांकि राज्य के खरगौन, मंदसौर, होशंगाबाद समेत 6 जिलों में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के जरिए फूड पार्क बनाए गए थे, पर इनमें निवेश का टोटा पड़ा हुआ था। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने इस योजना पर रोक लगा दी थी।
मध्य प्रदेश उद्योग विकास निगम के प्रबंध निदेशक प्रवीण गर्ग ने बताया, 'निजी साझेदारी मॉडल के तहत इन नए फूड पार्कों के विकास के लिए औद्योगिक केंद्र विकास निगम और मध्य प्रदेश कृषि उद्योग विकास निगम हाथ मिलाने की तैयारी में हैं।'
फूड पार्क के लिए बिहार को 15 करोड़!
बिहार सरकार ने मुजफ्फरपुर और भागलपुर में फूड पार्क बनाने में रुचि रखने वाले ठेकेदारों को 15 करोड़ रुपये का अनुदान देने का निश्चय किया है।
फूड पार्कों को विशेष उद्देश्य कंपनी के जरिए फल और सब्जी क्षेत्र में विकसित किया जाना है। राज्य के उद्योग मंत्री डी सी यादव ने कहा कि फूड पार्कों को निर्माण शोध एवं विकास के सम्मलित रूप से विकसित किया जाना है। (बीएस हिंदी)
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