15 फ़रवरी 2010
निर्यात मांग गिरने से नरम होगा जीरा
जीरे में खाड़ी देशों की निर्यात मांग कमजोर बनी हुई है। जबकि चालू सीजन में घरेलू पैदावार में करीब सात फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है। ऐसे में आगामी दिनों में जीरे की मौजूदा कीमतों में लगभग दस फीसदी की और गिरावट आने की आशंका है। ऊंझा मंडी में पुराने जीरे का भाव 2150 रुपये और नए जीरे का भाव 2300 रुपये प्रति बीस किलो चल रहा है। चालू वित्त वर्ष के पहने नौ महीने में भारत से जीरे का निर्यात 12 फीसदी कम हुआ है।मुंबई स्थित मैसर्स जैब्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर भास्कर शाह ने बिजनेस भास्कर को बताया कि खाड़ी देशों की निर्यात मांग कम होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में जीरे के दाम घट रहे हैं। इस समय भारतीय जीरे का भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2100 डॉलर प्रति टन है जबकि टर्की के जीरे के भाव 2400 डॉलर और सीरिया के जीरे के 2300 डॉलर प्रति टन (एफओबी) है। मालूम हो कि जनवरी के मध्य में भारतीय जीरे का दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2600-2650 डॉलर प्रति टन, टर्की के जीरे का 2750 डॉलर और सीरिया के जीरे का भाव 2700 डॉलर प्रति टन था। भाव घटने के बावजूद निर्यात सौदे न के बराबर हो रहे हैं इसलिए मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की आशंका है। मैसर्स हनुमान प्रसाद पीयूष कुमार के प्रोपराइटर वीरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि चालू सीजन में भारत में जीरे का उत्पादन बढ़कर 30 लाख बोरी (प्रति बोरी 55 किलो) होने की संभावना है। पिछले साल देश में जीरे का उत्पादन 28 लाख बोरी का हुआ था। इस समय उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक भी चार-पांच लाख बोरी का बचा हुआ है। ऐसे में कुल उपलब्धता 34-35 लाख बोरी की बैठेगी। घरेलू मंडियों में नए जीरे की आवक तो शुरू हो ही गई है। साथ ही स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने से पुराना माल भी ज्यादा मात्रा में आ रहा है। ऊंझा मंडी में नए जीरे की दैनिक आवक 8,000 बोरी की और पुराने की तीन-चार हजार बोरी की हो रही है। उत्पादक मंडियों में नए जीरे के भाव 2300 रुपये और पुराने के 2150 रुपये प्रति बीस किलो रह गए हैं। 15 जनवरी को ऊंझा में जीरे का भाव 2650-2700 रुपये प्रति बीस किलो था।भारतीय मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से दिसंबर के दौरान भारत से जीरा निर्यात में 12 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 36,500 टन का ही हुआ है। पिछले साल की समान अवधि में निर्यात 41,500 टन का हुआ था। जीरा व्यापारी रजनीकांत बी। पोपट ने बताया कि उत्पादक राज्यों में मौसम साफ है इसीलिए आगामी दिनों में उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक बढ़ने की संभावना है। उधर टर्की और सीरिया में जीरे की नई फसल की आवक जुलाई-अगस्त महीने में बनेगी।बात पते कीउत्पादक मंडियों में नए जीरे के भाव 2300 रुपये और पुराने के 2150 रुपये प्रति बीस किलो रह गए हैं। 15 जनवरी को ऊंझा में भाव 2650-2700 रुपये था। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें