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11 फ़रवरी 2010

'मुनाफाखोरी और गलत नीतियों से बढ़ी महंगाई'

नई दिल्ली February 09, 2010
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने महंगाई के लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।
पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि कुछ कंपनियों ने वर्ष 2009 की अंतिम तिमाही में आवश्यक वस्तुओं के वायदा कारोबार से 500 से लेकर 3000 प्रतिशत का लाभ कमाया है। सरकार को इन कंपनियों के नाम का खुलासा करना चाहिए, जिनकी मुनाफाखोरी से जनता महंगाई से त्रस्त है।
शरद पवार को महंगाई के लिए मुख्य निशाना बनाने की अपनी रणनीति को आज बदलते हुए भाजपा ने कहा कि इसके मुख्य जिम्मेदार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी आर्थिक नीतियां हैं। गडकरी ने कहा, 'महंगाई के लिए केवल पवार को जिम्मेदार ठहरा कर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकते।'
भाजपा अध्यक्ष ने कथित 'मंहगाई के महाघोटाले' के लिए सिंह की गलत आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उनसे उन कंपनियों के नाम बताने को कहा जिन्होंने आवश्यक वस्तुओं के वायदा करोबार से वर्ष 2009 की अंतिम तिमाही में लगभग पांच सौ से लेकर तीन हजार प्रतिशत तक का लाभ कमाया है।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों से इतना अधिक लाभ कमाने वाली कंपनियों के नाम वह जानते हैं, लेकिन चाहते हैं कि प्रधानमंत्री स्वयं इसका खुलासा करें। पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि सोनिया और प्रधानमंत्री बार बार यह दोहराते हैं कि 'कांग्रेस का हाथ गरीबों के साथ' पर हकीकत में 'कांग्रेस का हाथ गरीबों के गिरेबां' पर है। पवार और ठाकरे की मुलाकात के बारे में हालांकि, उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
महंगाई पर सरकार की घेराबंदी करने की रणनीति बनाए भाजपा ने इन दिनों इस मुद्दे पर देशव्यापी आंदोलन शुरू कर रखा है और मार्च में वह इस पर संसद का घेराव करेगी। गडकरी ने बताया कि इस महीने के दूसरे पखवाड़े में शुरू होने जा रहे संसद के बजट सत्र के दौरान महंगाई पर सरकार को अलग थलग करने की रणनीति के तहत विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज राजग और अन्य सहयोगी दलों के संपर्क में हैं।
उन्होंने वाम दलों से भी आग्रह किया कि इस विषय पर एक होकर संसद में सरकार की नीतियों का विरोध किया जाए। उन्होंने हालांकि, सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बारे में स्पष्ट कुछ नहीं कहा। उन्होंने सरकार से मांग की कि खाद्य वस्तुओं को वायदा कारोबार एक्सचेंज की सूची से हटा कर इनके वायदा कारोबार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
इसके अलावा बफर स्टॉक के जरिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के द्वारा बीपीएल के साथ एपीएल श्रेणी के राशन कार्ड धारियों को भी रियायती दरों पर गेहूं, चावल, चीनी और दाल उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने जमाखोरो, काला बाजारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने तथा मुनाफाखोरी में लगी बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कार्पोरेट जगत की धांधलियों पर नजर रखने की मांग की।
गरीबों के गिरेबान पर 'हाथ'
सरकार उन कंपनियों का खुलासा करे, जिन्होंने जरूरी जिंसों के वायदा कारोबार में 3000 फीसदी तक लाभ कमायाभाजपा ने मांग की कि खाद्य वस्तुओं को वायदा कारोबार की सूची से हटाया जाए, जमाखोरों पर अंकुश लगे (बीएस हिन्दी)

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