13 फ़रवरी 2010
हल्दी की कीमतें घट सकती हैं 10 फीसदी
पैदावार में बढ़ोतरी होने और घरेलू और निर्यातकों की मांग कमजोर होने से हल्दी की मौजूदा कीमतों में करीब दस फीसदी की गिरावट आने की आशंका है। चालू महीने में हाजिर बाजार में हल्दी के दाम करीब आठ फीसदी घटे हैं। हालांकि वायदा बाजार में निवेशकों की खरीद निकलने से इस दौरान 1।8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। चालू सीजन में देश में हल्दी की पैदावार पिछले साल के मुकाबले लगभग 16 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। नई फसल को देखते हुए घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग तो पहले की तुलना में घटी ही है। निर्यातकों की मांग भी कम हो गई है।वायदा में सुधारनिवेशकों की खरीद से नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) पर हल्दी के अप्रैल महीने के वायदा अनुबंध में चालू महीने में करीब 1.8 फीसदी की तेजी आई है। दो फरवरी को अप्रैल महीने के वायदा अनुबंध में हल्दी के भाव 6,888 रुपये प्रति क्विंटल थे जोकि 11 फरवरी को बढ़कर 7,015 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। अप्रैल महीने के वायदा अनुबंध में 23,370 लॉट के सौदे खड़े हुए हैं। कमोडिटी विशेषज्ञ अभय लाखवान ने बताया कि वायदा बाजार में हल्दी का वायदा अप्रैल महीने का है। घरेलू मंडियों के मुकाबले वायदा में हल्दी के दाम करीब 2,000 रुपये प्रति क्विंटल नीचे हैं इसीलिए निवेशक खरीद कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने माना कि मार्च में उत्पादक मंडियों में हल्दी की आवक बढ़ने से हाजिर बाजार में कीमतों में गिरावट आयेगी जिसका असर वायदा कीमतों पर पड़ेगा।पैदावार में बढ़ोतरीमैसर्स मनसाराम योगेश कुमार के प्रोपराइटर पूनम चंद गुप्ता ने बताया कि चालू सीजन में देश में हल्दी की पैदावार बढ़कर 50 लाख बोरी (एक बोरी 70 किलो) होने की संभावना है जोकि पिछले साल के मुकाबले करीब 16 फीसदी ज्यादा है। पिछले साल प्रतिकूल मौसम से देश में हल्दी का उत्पादन घटकर 43 लाख बोरी का रह गया था। जनवरी के शुरू में उत्पादक मंडियों में हल्दी का बकाया स्टॉक करीब चार लाख बोरी का बचा हुआ था जबकि इस समय बकाया स्टॉक डेढ़ से दो लाख बोरी का है। चालू महीने में हाजिर बाजार में हल्दी की कीमतों में करीब 800-1,000 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। इस समय उत्पादक मंडियों में 12-13 हजार बोरी की आवक हो रही है जबकि उम्मीद है कि आगामी सप्ताह में दैनिक आवक बढ़कर 22-25 हजार बोरी की हो जायेगी। इसीलिए मौजूदा कीमतों में और भी 1,000-1,200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने की आशंका है।निर्यातकों की मांग घटीहल्दी निर्यातक अशोक कुमार बंसल ने बताया कि नई फसल को देखते हुए खाड़ी देशों के साथ ही यूरोप के आयातकों की मांग पहले की तुलना में कम हो गई है। उत्पादक मंडियों में अभी नमी युक्त माल आ रहे हैं तथा उम्मीद है कि मार्च में सूखे मालों की आवक बनने के बाद निर्यात मांग बढ़ने की संभावना है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से दिसंबर के दौरान भारत से हल्दी के निर्यात में तीन फीसदी की कमी आई है। इस दौरान 40,000 टन हल्दी का निर्यात ही हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 41,425 टन हल्दी का निर्यात हुआ था। चालू वित्त वर्ष में मसाला बोर्ड ने कुल 51,000 टन हल्दी का निर्यात होने का लक्ष्य रखा है।मसाला निर्माताओं की खरीद कमजोरमैसर्स ज्योति ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर सुभाष गुप्ता ने बताया कि घरेलू पैदावार में बढ़ोतरी होने की संभावना से मसला निर्माताओं ने खरीद कम कर दी है। इसीलिए घरेलू बाजार में हल्दी की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। चालू महीने में हल्दी की कीमतों में 800-1,000 रुपये की गिरावट आकर इरोड़ मंडी में भाव 9,200-9,800 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटीनुसार रह गए। निजामाबाद मंडी में इस दौरान भाव घटकर 7,500-8,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस समय इरोड़ मंडी में नई हल्दी की सात-आठ हजार बोरी और निजमाबाद मंडी में चार-पांच हजार बोरी की आवक हो रही है। उम्मीद है कि अगले आठ-दस दिनों में आवकों का दबाव बन जाएगा। जिससे मौजूदा कीमतों में और भी करीब दस फीसदी की गिरावट आने की आशंका है। हालांकि उत्पादक मंडियों में भाव 8,000 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे आने पर स्टॉकिस्टों की खरीद निकलनी शुरू हो जाएगी। क्योंकि चालू सीजन में हल्दी के भाव रिकार्ड स्तर 14,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए थे। (बिज़नस bhaskar...आर अस राणा)
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