07 नवंबर 2009
विदेशी बाजार में भाव बढ़ने से भारत का कॉटन निर्यात बढ़ा
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाव बढ़ने से भारत से अक्टूबर महीने में कॉटन निर्यात में भारी बढ़ोतरी हुई है। न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में कॉटन के दिसंबर वायदा अनुबंध में पिछले एक महीने में 10।58 फीसदी की तेजी आई है। चार नवंबर को न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में दिसंबर वायदा के भाव बढ़कर 68.11 सेंट प्रति पाउंड हो गए। अक्टूबर में 828,076 गांठ (एक गांठ 170 किलो) के सौदे टैक्सटाइल कमिश्नर के आफिस में दर्ज हुए तथा इनमें से 115,637 गांठ की शिपमेंट हुई है।अबोहर स्थित मैसर्स कमल कॉटन ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर राकेश राठी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाव तेज होने के कारण भारत से निर्यात में भारी तेजी आई है। इस समय चीन के साथ ही बांग्लादेश की अच्छी मांग बनी हुई है। टैक्सटाइल कमिश्नर आफिस के सूत्रों के अनुसार अक्टूबर महीने में 828,076 गांठ (एक गांठ 170 किलो) के निर्यात सौदे दर्ज हुए हैं तथा इनमें से 115,636 गांठ की शिपमेंट हो चुकी है। पिछले साल अक्टूबर महीने में 176,889 गांठ के सौदे दर्ज हुए थे तथा शिपमेंट मात्र 29,395 गांठ की ही हुई थी। राठी ने बताया कि चीन में कॉटन के उत्पादन में करीब 16 फीसदी की कमी आई है इसलिए आगामी दिनों में भारत से कॉटन की निर्यात मांग में और भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में कॉटन के दिसंबर वायदा अनुबंध के भाव चार नवंबर को बढ़कर 68.11 सेंट प्रति पाउंड हो गए जबकि चार अक्टूबर को इसके दाम 57.53 सेंट प्रति पाउंड थे। घरेलू बाजार में शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव बढ़कर हाजिर में 24,500 से 24,600 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी 356 किलो) हो गए जबकि 16 अक्टूबर को गुजरात की मंडियों में इसके दाम 23,000-23,300 रुपये प्रति कैंडी थे। कॉटन व्यापारी संजीव गर्ग ने बताया घरेलू बाजार में भाव बढ़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर हो गए हैं इसीलिए कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) को कॉटन नहीं मिल रही है। सीसीआई के सूत्रों के मुताबिक चालू खरीद सीजन में एमएसपी पर 115,226 गांठ कपास की सरकारी खरीद हुई है। घरेलू मिलों की मांग भी पहले की तुलना में बढ़ी है जिससे सीसीआई ने कुल स्टॉक में से ज्यादातर कॉटन की बिक्री कर दी है। वर्ष 2009-10 में भारत में कपास की पैदावार में 4.2 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक कपास की पैदावार 305 लाख गांठ (एक गांठ 170 किलो) होने की संभावना है। पिछले साल इसकी पैदावार 292 लाख गांठ की हुई थी। अभी तक उत्पादक मंडियों में 24.50 लाख गांठ की आवक हो चुकी है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू खरीफ में कॉटन उत्पादन 236 लाख गांठ होने का अनुमान है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन की कीमतों में आई तेजी से कॉटन निर्यात भी बढ़कर 70 लाख गांठ तक पहुंचने की उम्मीद है।rana@businessbhaskar.net (बिज़नस भास्कर)
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