गन्ना अध्यादेश के मसले पर नए सिरे से संशोधित विधेयक संसद में पेश करने के बारे में सरकार विपक्षी दलों के अतिरिक्त किसान संगठन, गन्ना उत्पादक आदि सभी संबध्द पक्षों से विचार-विमर्श करेगी।
गन्ना अध्यादेश के मसले पर लोकसभा के नेता वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में सोमवार सुबह सर्वदलीय बैठक विचार-विमर्श किया गया। लेकिन विपक्षी दल राजधानी के एक प्रमुख अंग्रेजी समाचारपत्र में लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट लीक होने के मुद्दे को संसद के दोनो सदनों में उठाने की रणनीति बनाने में व्यस्त होने से गन्ना मसले पर कोई ज्यादा चर्चा नहीं हुई।
गत सप्ताह संसद सत्र शुरू होने के पहले दो दिन गन्ना अध्यादेश के मुद्दे पर सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने इकट्ठा होकर इसे वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बढ़ाया और अंततः सरकार ने इसे वापस लेकर नया विधेयक पेश करने पर सहमति व्यक्त की।
सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने अध्यादेश के स्थान पर लाए जाने वाले विधेयक के प्रारुप पर और विस्तार से विचार करने की आवश्यकता पर जोर दिया और नए विधेयक में किसानों के हितों को ध्यान रखकर गन्ने को ज्यादा कीमत देने का प्रावधान करने की मांग की।
बैठक में मुखर्जी के अलावा संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल, कृषिमंत्री शरद पवार, विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी, जनता दल (यू) के शरद यादव, समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय लोकदल के अजित सिंह आदि शामिल थे। (हिंदुस्तान)
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