अहमदाबाद November 22, 2009
गुजरात की ज्यादातर गन्ना मिलों ने पेराई शुरू कर दी है। पेराई में तेजी आने के साथ उद्योग जगत अनुमान लगा रहा है कि 2009-10 में कुल 100 लाख टन गन्ने पेराई होगी।
वहीं गुजरात सरकार के आंकड़ों के मुताबिक कुल 107 लाख टन गन्ने की पेराई हो सकती है। गुजरात में कुल 17 चीनी मिलें हैं, जो कोआपरेटिव तरीके से चलती हैं।
फेडरेशन आफ गुजरात स्टेट कोआपरेटिव शुगर फैक्टरीज के अध्यक्ष मानसिंह पटेल का कहना है, 'चीनी मिलों ने पेराई शुरू कर दी है। वे इस समय पूरी क्षमता से काम कर रही हैं। पेराई के लिए करीब 25 लाख टन गन्ना पहुंच चुका है। 2009-10 में गन्ने की पेराई 100 लाख टन पहुंच जाने की उम्मीद है, जो 2008-09 में 96 लाख टन था।'
सरकार के अनुमानों के मुताबिक 2009-10 में करीब 107 लाख टन गन्ना पेराई के लिए उपलब्ध होगा। सरकार ने 113 लाख टन गन्ना उत्पादन का अनुमान लगाया था, लेकिन बाद में इसमें संशोधन कर 107 लाख टन कर दिया गया। 2008-09 में करीब 99 लाख टन गन्ने का उत्पादन हुआ था।
गुजरात सरकार के चीनी निदेशक जीके फकीर ने कहा, 'पिछले साल गन्ने की कीमतें ज्यादा होने की वजह से किसानों ने बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती की और इस साल कुल 1।57 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ना बोया गया। पिछले साल कुल 1.47 लाख हेक्टेयर गन्ने की बुआई हुई थी। इसकी वजह से राज्य में गन्ने की पैदावार ज्यादा होने की संभावना है।' (बीएस हिन्दी)
24 नवंबर 2009
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