इंदौर /भोपाल/चंडीगढ़/लुधियाना/जयपुर/दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ-साथ घरलू बाजार में भी सोने के भाव लगातार चढ़ते जा रहे हैं जिसके चलते लोगों से उसकी दूरी बढ़ती ही जा रही है। इसका असर सोने की बिक्री पर भी दिखाई दे रहा है। शादियों का सीजन होने के बावजूद इसकी बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 35-40 फीसदी तक की कमी आ गई है। वहीं, दूसरी ओर सोने में जोरदार तेजी को देखते हुए पुराने सोने की बिक्री बढ़ती जा रही है। सर्राफा बाजार में पुराना सोना 10-15 फीसदी बट्टे पर बिक रहा है। जिन लोगों के पास काफी पहले के आभूषण हैं वे लोग ही उसको बेच रहे हैं। सोने में भारी तेजी के चलते आभूषण विक्रेताओं के चेहरों पर भी मायूसी पसर गई है। हालत यह है कि आभूषण विक्रेता भी सोने के भावों में कमी के लिए दुआ मांगने पर मजबूर हो गए हैं।
शादी के लिए आभूषण खरीदने को विवश ग्राहक भी वजन के बजाय बजट पर ध्यान दे रहे हैं। निवेश के लिए सोना खरीदने वाले भी मौजूदा भावों पर करक्शन की आशंका से पीछे हटने लगे हैं। इन सबके चलते हाजिर बाजार में सोने का कारोबार 75 फीसदी तक घट गया है। इस बीच, दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने के भाव बुधवार को 160 रुपये बढ़कर 17,380 रुपये प्रति दस ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गए। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष शील चंद जैन ने बताया कि घरेलू बाजार में तेजी ग्लोबल बाजार के कारण ही आ रही है। डॉलर के कई मुद्राओं के मुकाबले कमजोर होने के चलते भी सोने के भाव बढ़ रहे हैं। इसके अलावा निवेशक भी सोने में निवेश को अधिक तरजीह दे रहे हैं। इस वजह से भी सोने में तेजी को बल मिल रहा है। घरलू बाजार में सोना अब ख्त्त,क्क्क् रुपये के भी पार चला गया है।
ग्लोबल स्तर पर सोने के प्रति निवेशकों के बढ़ते रुझान को देखते हुए आगे भी इसमें तेजी के आसार दिखाई दे रहे हैं। इसके चलते घरलू बाजार में सोने की मांग काफी गिर गई है। शादियों का सीजन होने के बावजूद सर्राफा बाजारों में पहले जैसी रौनक दिखाई नहीं दे रही है। इंदौर सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकुम चंद सोनी ने बताया कि भाव काफी बढ़ जाने के चलते सोने के ग्राहक बाजार में कम होते जा रहे हैं। लोग खरीदने के बजाय सोना बेचने पर जोर दे रहे हैं। आभूषण विक्रेताओं का कहना है कि शादियों का सीजन शुरू होने से पहले ग्राहकी ज्यादा बेहतर थी। जेवराती सोने के भाव के 15000 हजार रुपये प्रति दस ग्राम से ऊपर चले जाने के बाद से ही ग्राहकी में लगातार कमी देखने को मिल रही है। जयपुर सर्राफा कमेटी के अध्यक्ष रामेश्वर गोयल का कहना है कि शादी के लिहाज से देखें तो मांग काफी कमजोर हो गई है। आभूषण विक्रेता आशीष मेघराज का कहना है कि भाव ज्यादा होने से शादी के लिए गहनों की खरीद अंगूठी एवं टॉप्स तक ही सीमित हो गई है। नेकलस, चूड़ी व चेन जैसे आभूषण ज्यादातर पुराने सोने के बदले ही खरीदे जा रहे हैं। (बिसनेस भास्कर)
19 नवंबर 2009
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