कोच्चि November 19, 2009
यूरोपीय खरीदारों के दूर होने और शेष विश्व से मांग में कमी आने से वैश्विक बाजार में काली मिर्च की कीमत में कमी हुई है।
कारोबारियों के मुताबिक, भारत से काली मिर्च की नई फसल अगले 4 से 6 सप्ताह में बाजार में आ जाएगी। यही नहीं 2010 सीजन में काली मिर्च के कुल वैश्विक उत्पादन में गिरावट के कोई आसार नहीं है। ऐसे में इसकी कमजोर आपूर्ति दिसंबर अंतिम हफ्ते तक सुधरने का अनुमान है।
वियतनाम से मिली रिपोर्टों में कहा गया है कि इस साल 20 हजार टन काली मिर्च की आपूर्ति की जाएगी, जिससे इसकी कीमत और कम होगी। वियतनाम ने एएसटीए ग्रेड की काली मिर्च की कीमत में थोड़ी कमी की है और यह 3,150-3,175 डॉलर प्रति टन हो गई है।
भारत ने इसकी कीमत 3,350 डॉलर बरकरार रखी है, वहीं ब्राजील ने कीमत को 2,900 डॉलर से बढ़ाकर 3,000 डॉलर प्रति टन कर दी है। भारत में 2010 सीजन की शुरुआत अगले महीने से होगी। मसाला बोर्ड जैसी विभिन्न एजेंसियों के मुताबिक, नए सीजन में 53 से 55 हजार टन काली मिर्च के उत्पादन का अनुमान है।
जनवरी के पहले हफ्ते से इसकी हार्वेस्टिंग पूरी रफ्तार से शुरू हो जाएगी। ताजा संकेतों के मुताबिक, कर्नाटक एक बार फिर काली मिर्च के उत्पादन में शीर्ष पर रहेगा। इसका उत्पादन 25 से 27 हजार टन रहने का अनुमान है। इसके बाद केरल (अनुमानित 20 हजार टन) और तमिलनाडु (अनुमानित 5000 टन) के रहने का अंदाजा है।
वियतनाम मौजूदा कैलेंडर वर्ष में लक्ष्य से 25 हजार टन ज्यादा काली मिर्च निर्यात करेगा। इसने अक्टूबर तक ही निर्यात के तय लक्ष्य 1।15 लाख टन को पार कर लिया है। जनवरी से अक्टूबर तक इसने लक्ष्य से 5 हजार टन ज्यादा काली मिर्च निर्यात कर दिया है। (बीएस हिन्दी)
20 नवंबर 2009
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