उत्तर प्रदेश में गन्ने के मूल्य पर गतिरोध अब भी बरकरार है। इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहे राष्ट्रीय लोकदल के नेता अजित सिंह ने कहा है कि अगर राज्य सरकार ने किसानों से बात कर इस मसले को दो दिन में हल नहीं किया तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र में किसानों को 200 रुपये क्विंटल से ज्यादा का भाव मिल रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को 180 रुपये के भाव पर गन्ना बेचने को कहा जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार सिर्फ मिल मालिकों के साथ बात कर रही है, जबकि उसे किसानों से भी सीधी बात करनी चाहिए। इस बीच गन्ना मूल्य पर सोमवार को सर्वदलीय बैठक हुई लेकिन इसमें कोई फैसला नहीं हो सका। बैठक के बारे में अजित सिंह ने बताया कि कृषि मंत्री कल गन्ना उत्पादक राज्यों के प्रतिनिधियों से बात करेंगे। सीपीआई नेता डी. राजा ने बैठक के बाद बताया कि कृषि मंत्री शरद पवार से कल एक और बैठक बुलाने के लिए कहा गया है।
हालांकि उन्होंने कहा कि इस मसले पर सरकार का रुख लचीला है। बैठक में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, संसदीय मामलों के मंत्री पी.के. बंसल, कृषि मंत्री पवार, लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली, समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख अजित सिंह और आरएसपी के अबनी राय भी मौजूद थे।
किसान खुद करेंगे पेराईमेरठ। मिलों द्वारा दी जा रही गन्ने की कीमत से नाखुश गन्ना किसान अब खुद गन्ना पेरने के लिए क्रशर लगाने की सोचने लगे हैं। शामली, समालखा समेत कई गांवों के किसानों ने मिलकर क्रशर के लिए ऑर्डर भी दे दिया है। इन किसानों का कहना है कि वे 280 रुपये क्विंटल से कम पर मिलों को गन्ना नहीं बेचेंगे। प्रदेश की मिलों ने 180 रुपये क्विटंल का भाव ऑफर किया है। (प्रेट्र)
24 नवंबर 2009
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