26 नवंबर 2009
अक्टूबर में लाल मिर्च का निर्यात 72 फीसदी बढ़ा
डॉलर में नरमी के बावजूद अक्टूबर महीने में लाल मिर्च का निर्यात 72 फीसदी बढ़ा है। बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया और इंडोनेशिया की मांग बढ़ने से अक्टूबर महीने में 18,500 टन का लाल मिर्च का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 10,750 टन का ही हुआ था। रुपये के मुकाबले डॉलर घटकर मंगलवार को 46।21 के स्तर पर आ गया। निर्यात में बढ़ोतरी के बावजूद स्टॉक ज्यादा होने और नई फसल का उत्पादन बढ़ने की संभावना से आगामी महीनों में लाल मिर्च की कीमतों में गिरावट की ही संभावना है। मुंबई स्थित मैसर्स अशोक एंड कंपनी के डायरेक्टर अशोक दत्तानी ने बताया कि अक्टूबर में बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया और इंडोनेशिया की अच्छी मांग रही थी जिससे निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। नवंबर और दिसंबर में भी निर्यात अच्छा रहने की संभावना है लेकिन बकाया स्टॉक ज्यादा होने और नई फसल के उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना से लाल मिर्च की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। वैसे भी चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में कुल निर्यात 17.5 फीसदी घटा ही है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर के दौरान लाल मिर्च के निर्यात में 17.5 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 104,750 टन का ही हुआ है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में निर्यात 123,150 टन का हुआ था।मैसर्स स्पाइस ट्रेडिंग कंपनी के प्रोप्राइटर विनय बूबना ने बताया कि गुंटूर में इस समय लाल मिर्च का करीब 17-18 लाख बोरी (एक बोरी 45 किलो) का स्टॉक बचा हुआ है। जबकि फरवरी महीने में नई फसल की आवक शुरू हो जायेगी। बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी और अभी तक के मौसम को देखते हुए नई फसल के उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना है। इसलिए लाल मिर्च की मौजूदा कीमतों में आगामी महीनों में गिरावट के ही आसार हैं। पिछले एक सप्ताह में गुंटूर में लाल मिर्च की कीमतों में करीब 300 रुपये की गिरावट आ चुकी है। बुधवार को मंडी में 334 क्वालिटी की लाल मिर्च के भाव घटकर 5,700-5,800 रुपये, ब्याड़गी क्वालिटी के 6,200-6,600 रुपये, तेजा क्वालिटी के भाव 6,600-7,200 रुपये, सनम क्वालिटी के 5,900 से 6,100 रुपये और फटकी क्वालिटी के 2,500-3,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।इंदौर के लाल मिर्च व्यापारी खजोर मल प्रजापति ने बताया कि चालू महीने के शुरू में लगातार एक सप्ताह बारिश होने से लाल मिर्च की क्वालिटी प्रभावित हुई है। इसलिए इस समय राज्य की मंडियों में दागी मालों की आवक ज्यादा हो रही है। पिछले एक सप्ताह से मौसम साफ बना हुआ है इसलिए दिसंबर के प्रथम सप्ताह में बढ़िया मालों की आवक शुरू हो जायेगी। राज्य की मंडियों में लाल मिर्च की साप्ताहिक आवक एक लाख बोरी से ज्यादा की ही हो रही है। माल दागी होने से भाव 2,500 से 5,500 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें