अहमदाबाद : अपनी खुशबू के लिए मशहूर छरहरे बासमती चावल का उत्पादन मौजूदा सीजन में बढ़ने की उम्मीद है। दुनियाभर में इस किस्म के चावल की पैदावार सिर्फ भारत और पाकिस्तान में होती है। मौजूदा सीजन में बासमती का उत्पादन 50 फीसदी तक बढ़ सकता है। पिछले साल 25-30 लाख टन चावल की पैदावार हुई थी, लेकिन इस साल उत्पादन बढ़कर 40-45 लाख टन होने की उम्मीद है। भारत में उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में सबसे ज्यादा बासमती चावल की खेती होती है। हालांकि, औद्योगिक सूत्रों का मानना है कि इस साल पाकिस्तान में बासमती की पैदावार काफी अच्छी होगी। कोहिनूर फूड्स के ज्वाइंट एमडी गुरनाम अरोड़ा ने कहा, 'पारंपरिक किस्म की फसल की पैदावार में कमी आ सकती है। हालांकि, पूसा 1121 किस्म की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है।'
कोहिनूर फूड्स, कोहिनूर ब्रांड से बासमती चावल बेचती है। देश में बासमती की खेती वाले इलाके लगातार बढ़ रहे हैं। भारत में बासमती की तीन किस्मों में पूसा 1121 की खेती सबसे ज्यादा क्षेत्रफल में होती है और मौजूदा साल में इसकी पैदावार दोगुनी होने की उम्मीद है। ज्यादा उत्पादन होने से अनुमान है कि मौजूदा साल में बासमती की कीमतों में कमी आ सकती है। हालांकि, अरोड़ा का मानना है कि सटोरियों के कारण कीमत में कमी आने की गुंजाइश कम ही है। ईटी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, 'उत्पादन बढ़ने से कीमतों में कमी आनी चाहिए, लेकिन कुछ सटोरिये इन दिनों सक्रिय हो गए हैं, जिनकी वजह से कीमतें बढ़ सकती हैं।' हरियाणा की मंडी में चंद दिन पहले तक पारंपरिक किस्म का बासमती चावल 33,000-34,000 रुपए प्रति टन पर मिल रहा था। वहीं, पूसा 1121 किस्म की कीमत 20-22 रुपए प्रति किलोग्राम है। नया सीजन शुरू हो चुका है, लेकिन कोहिनूर ने अभी तक बासमती की कीमत घोषित नहीं की है। अपने गुजरात दौरे के दौरान अरोड़ा ने कहा कि फसल की कीमतों में उतारचढ़ाव की आशंका के कारण अभी तक कीमत तय नहीं की गई है, लेकिन अगले 2-3 दिनों में इसकी कीमतें तय कर दी जाएंगी। (ई टी हिन्दी)
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