नई दिल्ली November 18, 2009
अमूमन किसी उत्पाद के उत्पादन में कमी होने से उसकी कीमत बढ़ जाती है, खासकर जिसकी मांग हमेशा बनी रहती हो। लेकिन धान के साथ ऐसा नहीं हो रहा है।
अधिक कीमत मिलना तो दूर, देश की 100 से अधिक मंडियों में किसानों को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (950 रुपये प्रति क्विंटल) भी नहीं मिल रहा है। आंध्र प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल तक की मंडियों में धान सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी कम भाव पर बेचे जा रहे हैं।
कृषि उत्पाद विपणन समिति की रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश की 10, असम की 7, छत्तीसगढ़ की 23, गुजरात की 7, हरियाणा की 1, पंजाब की 1, मध्यप्रदेश की 6, झारखंड की 6, महाराष्ट्र की 21, उत्तर प्रदेश की 2 और पश्चिम बंगाल की 12 मंडियों में धान की बिक्री एमएसपी से कम कीमत पर हो रही है।
इसके अलावा देश के अन्य प्रांतों की 50 से अधिक मंडियों में धान की खरीदारी 850-900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चल रही है। मुरादाबाद इलाके के किसान हरपाल सिंह कहते हैं, 'हकीकत यही है कि उत्तर प्रदेश की 25 फीसदी मंडियों में धान की खरीद एमएसपी से कम भाव पर चल रही है। मुरादाबाद की चंदौसी मंडी में पिछले 40 दिनों में धान की कोई सरकारी खरीद नहीं की गई। सिर्फ बिचौलिए व चावल मिलों की तरफ से धान खरीदे जा रहे हैं।'
किसानों के मुताबिक धान की बुआई में भारी गिरावट के बाद उन्हें अच्छी कीमत मिलने की आस बंध गयी थी। लेकिन मंडी में हालत उनके विपरीत है। सरकारी खरीद की काफी धीमी गति के कारण वे कई दिनों तक मंडी में ठहरने की स्थिति में नहीं होते। और वे कम कीमत पर चावल मिल या फिर आढ़ती को धान बेच रहे हैं।
किसानों ने बताया कि ऐसा भी नहीं है कि जिन मंडियों में एमएसपी से ऊपर की कीमत चल रही है वहां के किसानों को कोई बड़ा मुनाफा मिल रहा है। किसी भी मंडी में धान की खरीद 1000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक की दर पर नहीं हो रही है। किसानों के मुताबिक चावल मिल बासमती की खरीदारी मात्र 1100-1200 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से कर रही है।
धान का एमएसपी 950 व 980 रु.क्विंटल
राज्य बिक्री कीमत मंडियों की संख्या आंध्र प्रदेश 860-900 10असम 775-850 7छत्तीसगढ़ 810-900 23मध्य प्रदेश 800-900 6उत्तर प्रदेश 850-900 2महाराष्ट्र 820-900 21स्त्रोत : कृषि उत्पाद विपणन समिति (बीएस हिन्दी)
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