24 नवंबर 2009
गेहूं के दाम बढ़ने से आटा, मैदा व सूजी 11.5 फीसदी महंगे
गेहूं के दाम बढ़ने से पिछले दो महीने में गेहूं उत्पादों आटा, मैदा और सूजी की कीमतों में 11.5 फीसदी की तेजी आ चुकी है। दिल्ली थोक बाजार में सोमवार को आटा के दाम 1400-1450 रुपये, मैदा और सूजी के 1450-1490 रुपये प्रति 90 किलो हो गए। ब्याह-शादियों की मांग से मैदा-सूजी में मांग अच्छी है लेकिन सरकारी आटा की बिक्री शुरू होने से खुले बाजार से आटा में मांग कम हो गई है। दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों द्वारा ऑस्ट्रेलिया से करीब 10 हजार टन आयातित गेहूं के सौदे 300 से 325 डॉलर प्रति टन (भारतीय बंदरगाह पर पहुंच) पर किए हैं। इसलिए गेहूं की मौजूदा कीमतों में और तेजी के आसार नहीं हैं। रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की सचिव वीणा शर्मा ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा नवंबर महीने के लिए खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत ऊंचे दाम तय करने के कारण गेहूं और गेहूं उत्पादों के भाव बढ़े हैं। एफसीआई ने दिल्ली में नवंबर महीने के लिए निविदा भरने का रिजर्व भाव 1420.94 रुपये और हरियाणा तथा पंजाब के लिए 1406.75 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। इसीलिए पिछले दो महीने में खुले बाजार में गेहूं की कीमत में करीब 150-200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर भाव 1395-1400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।गेहूं उत्पादों के व्यापारी मुकेश गुप्ता ने बताया कि दिल्ली बाजार में पिछले दो महीने में गेहूं उत्पादों की कीमतों में 150 रुपये की तेजी आ चुकी है। दिल्ली सरकार ने केंद्रीय भंडार के माध्यम से 139 रुपये प्रति दस किलो के भाव पर आटा की बिक्री शुरू कर दी है इसलिए आटा में उठान पहले की तुलना में घट गया है। वैसे भी फुटकर में आटे के दाम 175-200 रुपये प्रति दस किलो चल रहे हैं। सरकारी गेहूं महंगा होने के कारण फ्लोर मिलों ने नवंबर में गेहूं लेने के लिए निविदा नहीं भरी है। चूंकि दक्षिण भारत में आयातित गेहूं आना शुरू हो गया है, इसलिए उत्तर भारत से दक्षिण की मांग कमजोर हो जाएगी। ऐसे में उत्तर प्रदेश से दिल्ली में गेहूं की आवक बढ़ने की संभावना है। इसीलिए मौजूदा भाव में और तेजी की संभावना नहीं है। प्रवीन कॉमशिर्यल कंपनी के प्रोपराइटर नवीन गुप्ता ने बताया कि दक्षिण भारत की मिलों ने अभी तक आस्ट्रेलिया से दस हजार टन गेहूं के आयात सौदे 300 से 325 डॉलर प्रति टन भारतीय बंदरगाह पहुंच मेंकिए हैं। इसमें से करीब 500 टन गेहूं भारत में आ चुका है। यह गेहूं दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों को 1550-1575 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर पड़ रहा है। एफसीआई ने दक्षिण भारत में ओएमएसएस के तहत गेहूं का रिजर्व भाव 1547.03 रुपये से 1806.50 रुपये प्रति क्विंटल रखा है। इसीलिए दक्षिण भारत की मिलों ने भी निविदाएं नहीं भरी हैं। लेकिन आयातित गेहूं सस्ता होने के कारण दक्षिण की उत्तर भारत से मांग घटने की संभावना है। (बिज़नस भास्कर)
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