17 नवंबर 2009
पूरी दुनिया में पैदावार गिरने से रबर में तेजी का रुख
घरेलू और वैश्विक पैदावार में कमी और टायर उद्योग की मांग बढ़ने से नेचुरल रबर की कीमतों में तेजी दौर बना हुआ है। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर के दौरान घरेलू नेचुरल रबर के उत्पादन में 9.4 फीसदी और पहले छह महीने में विश्व में 7.4 फीसदी कमी आने का अनुमान है। चालू वर्ष में घरेलू टायर उद्योग की मांग पांच फीसदी बढ़ने के आसार हैं। विश्व में आर्थिक सुधार से नेचुरल रबर की मांग बढ़ रही है जबकि चीन के आयात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2009-10 में भारत में नेचुरल रबर का उत्पादन 8.40 लाख टन होने की संभावना है जबकि इस दौरान खपत बढ़कर 9.31 लाख टन होने की संभावना है। जून-जुलाई और अगस्त महीने में प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बारिश कम होने से देश के नेचुरल रबर के उत्पादन में कमी आई है। वर्ष 2009-10 में टायर उद्योग की मांग में ही पांच फीसदी का इजाफा होने की संभावना है। इस दौरान टायर उद्योग में नेचुरल रबर की खपत बढ़कर 4.5 लाख टन की होगी। भारत के मुकाबले विदेश में भाव कम होने और भारतीय टायर उद्योग की मांग बढ़ने से अप्रैल से अक्टूबर तक 126,472 टन नेचुरल रबर का आयात किया गया जबकि इस दौरान निर्यात मात्र 2639 टन रबर का हो सका। लेकिन अब भारत के मुकाबले विदेश में भाव काफी तेज हो गए हैं इसलिए आगामी महीनों में भारत में आयात कम होगा। भारत में अक्टूबर से जनवरी तक कुल पैदावार का 60 प्रतिशत उत्पादन होता है इसलिए आगामी दिनों में आवक बढ़ेगी। अक्टूबर महीने में नेचुरल रबर की पैदावार में 3.6 फीसदी का इजाफा भी हुआ है। अक्टूबर में 87,000 टन का उत्पादन हुआ है। लेकिन घरेलू मांग बढ़ने से भाव तेज ही बने हुए हैं। कोट्टायम में नेचुरल रबर आरएसएस-4 के भाव बढ़कर 110 रुपये और आरएसएस-5 के भाव 105 रुपये प्रति किलो हो गए हैं।पिछले एक सप्ताह में इसकी कीमतों में करीब दो रुपये प्रति किलो की तेजी आ चुकी है। जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले एक महीने में नेचुरल रबर की कीमतों में आठ से नौ रुपये प्रति किलो की तेजी आ चुकी है। सिंगापुर कमोडिटी एक्सचेंज (सीकॉम) में शनिवार को नेचुरल रबर के भाव बढ़कर 117-118 रुपये प्रति किलो (भारतीय मुद्रा में) हो गए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी का प्रमुख कारण विश्व में नेचुरल रबर के उत्पादन में कमी के साथ ही चीन की आयात मांग में बढ़ोतरी होना है।देश में नेचुरल रबर के उत्पादन को बढ़ने के लिए भारतीय रबर बोर्ड ने पूवरेतर राज्यों में 4.5 लाख हैक्टेयर जमीन चिन्हित की है। इसमें दो लाख हैक्टेयर असम और एक लाख हैक्टेयर जमीन त्रिपुरा में है। त्रिपुरा में 50 हजार हैक्टेयर जमीन में नेचुरल रबर के नये पौधे लगाए भी जा चुके हैं। rana@businessbhaskar.net (बिज़नस भास्कर)
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