30 नवंबर 2009
अब वायदा में गेहूं के दाम गिरने के आसार
दक्षिण भारत की मिलों द्वारा गेहूं का आयात शुरू कर दिया गया है। इससे गेहूं की तेजी को ब्रेक लग गया है। लेकिन पिछले पंद्रह दिनों में वायदा बाजार में गेहूं की कीमतों में 2।7 फीसदी की तेजी आई है। लेकिन हाजिर बाजार में इस दौरान गेहूं के दाम करीब 25 रुपये प्रति क्विंटल घट गए। सरकारी गोदामों में गेहूं का बंपर स्टॉक बचा है जबकि बुवाई क्षेत्रफल भी बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश की मंडियों से दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों की मांग कमजोर पड़ गई है जिससे दिल्ली में गेहूं की आवक पहले की तुलना में बढ़ी है। ऐसे में आगामी दिनों में गेहूं की कीमतों में नरमी की संभावना है।वायदा में तेजी : निवेशकों की खरीद से नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) में दिसंबर महीने के गेहूं के वायदा अनुबंध में पिछले पंद्रह दिनों में करीब 2.7 फीसदी की तेजी आई है। दस नवंबर को दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में भाव 1370 रुपये प्रति क्विंटल थे जबकि 26 नवंबर को भाव बढ़कर 1407 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में 6,520 लॉट के सौदे खड़े हुए हैं। कमोडिटी विशेषज्ञ अभय लाखवान ने बताया कि अप्रैल में गेहूं की नई फसल की आवक बनेगी जबकि इस समय सरकार के पास बंपर स्टॉक मौजूद है। अनुकूल मौसम से चालू सीजन में भी गेहूं का बंपर उत्पादन होने की संभावना है। इसलिए आगामी दिनों में वायदा गेहूं की कीमतों में भी नरमी के आसार हैं।गेहूं के आयात सौदे : प्रवीन कॉमशिर्यल कंपनी के प्रोपराइटर नवीन गुप्ता ने बताया कि दक्षिण भारत की मिलों ने अभी तक ऑस्ट्रेलिया से 10,000 टन गेहूं के आयात सौदे 300 से 325 डॉलर प्रति टन (भारतीय बंदरगाह पहुंच) के भाव परकिए हैं। इसमें से करीब 500 टन गेहूं भारत में आ चुका है। यह गेहूं दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों को 1550-1575 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर पड़ रहा है। आस्ट्रेलिया का यह गेहूं प्रीमियम क्वालिटी का है इसलिए दक्षिण भारत की मिलें उत्तर भारत से खरीद के मुकाबले विदेशी गेहूं के आयात को प्राथमिकता दे रही है। गेहूं का बंपर स्टॉक : कृषि मंत्रालय के मुताबिक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास गेहूं का करीब 300 लाख टन का बंपर स्टॉक मौजूद है। जबकि चालू रबी सीजन में 19 नवंबर तक गेहूं की बुवाई 93.9 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 85.7 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है। गेहूं के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी और अनुकूल मौसम से गेहूं का उत्पादन बढ़ने की संभावना है। वर्ष 2008-09 में देश में गेहूं का बंपर उत्पादन 805 लाख टन का हुआ था।एमएसपी में मामूली बढ़ोतरी : रबी में गेहूं की सरकारी खरीद के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 20 रुपये प्रति क्विंटल की मामूली बढ़ोतरी कर भाव 1100 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। जबकि पिछले साल गेहूं का एमएसपी 1080 रुपये प्रति क्विंटल था। गत वर्ष गेहूं का बंपर उत्पादन हुआ था तथा मिलों और स्टॉकिस्टों द्वारा खरीद कम करने के कारण भारतीय खाद्य निगम ने रिकार्ड 252 लाख टन की खरीद की थी।फ्लोर मिलों की मांग कमजोर : गेहूं व्यापारी कमलेश जैन ने बताया कि दिल्ली में गेहूं की आवक सुधरने और फ्लोर मिलों की मांग घटने से पिछले आठ-दस दिनों में हाजिर बाजार में करीब 25 रुपये की गिरावट आकर भाव 1390-1400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उत्तर प्रदेश से दिल्ली में गेहूं की आवक बढ़कर करीब 10 हजार बोरियों की हो गई है। दक्षिण भारत की मिलों की मांग कम होने से दिल्ली में आवक पहले की तुलना में बढ़ी है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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