डॉलर में गिरावट के कारण सोने की कीमतों में उछाल जारी है। लंदन और न्यूयार्क के कमोडिटी बाजार में बुधवार को सोने की कीमतें 1,182 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गईं। भारत के कुछ सराफा बाजारों में भी सोने की कीमतों ने 18,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को छू लिया। एजेंसी के मुताबिक दिल्ली के सराफा बाजार में सोने की कीमतों ने दोपहर में करीब डेढ़ बजे 18,000 रुपये प्रति दस ग्राम का रिकार्ड छुआ। एजेंसी का दावा है कि स्टैंडर्ड सोने की कीमतें 220 रुपये की तेजी के साथ 18,000 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच गई थीं। हमारे संवाददाता के मुताबिक इंदौर सराफा में सोना बिस्किट की कीमतें 18,000 रुपये तक पहुंच गई। वहीं सोना कैडबरी 17,900 रुपये तक चला गया था। अहमदाबाद सराफा में सोना 24 कैरट के दाम 17,925 रुपये पर पहुंच गए।
उधर ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष शील चंद जैन का दावा है कि दिल्ली में सोने के भाव 17,890 रुपये प्रति दस ग्राम के पूर्वस्तर पर ही रहे। दिल्ली बुलियन एंड ज्वैलर्स वैलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वी के गोयल ने भी बताया कि सोने का भाव 17,900 रुपये प्रति दस से ऊपर नहीं गया। गोयल ने बताया कि ब्याह-शादियों का सीजन होने के बावजूद भी सोने के गहनों में मांग सामान्य के मुकाबले 25-30 फीसदी कम है। विश्लेषकों की राय में सोना इसी सप्ताह सोना 1200 डॉलर का निशान पार कर सकता है। न्यूयार्क मर्केटाइल में सोने के फ्यूचर सौदे 1180 डॉलर प्रति औंस के करीब बुधवार को चल रहे थे। अगस्त 1982 के बाद फ्यूचर सौदों में सबसे लंबी तेजी दिखाई दे रही है।
इस बीच भारत द्वारा आईएमएफ से और सोना खरीदने की भी खबरें हैं। कई माइनिंग कंपनियां सोने में फिक्सिंग का इस्तेमाल कर रही हैं। भारतीय रिजर्व बैंक पहले ही 200 टन सोना आईएमएफ से खरीद चुका है। अब और खरीदी करता है तो भारत में सोने का सबसे ज्यादा भंडार हो जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि ऊंचे भाव पर सोने की खरीद करने का मतलब है कि 1,000 डॉलर प्रति औंस के ऊपर के दामों का समर्थन। रूस और श्रीलंका के बैंक भी सोना खरीद चुके हैं। बैंक आफ अमेरिका, मैरिल लिंच, सोसायते जनरल के सोना खरीदने की भविष्यवाणी की जा रही है। मारीशस ने पिछले माह ही आईएमएफ से दो टन सोना खरीदा। आईएमएफ उन सभी बैंकों को सोना खरीदने का मौका दे रहा है, जो डॉलर में गिरावट से निपटने के लिए अपने निवेश का विविधीकरण कर रहे हैं।
सोने के भाव में तेजी के चलते स्वर्ण कारोबारियों ने फिलहाल फैसले स्थगित रखे हैं। बाजार सूत्रों के अनुसार हर दिन मूल्य बढ़ने के चलते मांग करीब 25 प्रतिशत गिर गई है। वैवाहिक सीजन में चुनिंदा महूर्त के बावजूद यह गिरावट चिंताजनक है। महंगाई के चलते बड़े-बड़े खरीददार ग्राहकों ने भी खरीदारी सीमित कर दी है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
26 नवंबर 2009
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