25 नवंबर 2009
रबर डवलपमेंट फंड के लिए संशोधन विधेयक को मंजूरी
लोकसभा ने मंगलवार को रबर संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। इसके बाद रबर डवलपमेंट फंड की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है जिससे देश में रबर उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सकेगा। भारत विश्व के प्रमुख रबर उत्पादक देशों में से एक है। रबर (संशोधन) विधेयक-2009 वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पेश किया। उन्होंने रबर बोर्ड के विस्तार और सेल्फ एसेसमेंट के आधार पर रबर उपकर के संग्रह के लिए एक व्यवस्था बनाने की भी मांग की। रबर एक्ट 1947 में संशोधन के लिए बिल पेश करते हुए सिंधिया ने कहा कि कृषि की तरह रबर में भी हरित क्रांति की जरूरत है। रबर डवलपमेंट फंड स्थापित करने के प्रस्ताव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा दो फंडों के स्थान पर एक ही फंड होगा और यह रबर उत्पादक किसानों को मदद मुहैया कराएगा। वहीं, रबर बोर्ड का विस्तार कर इसमें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल किए जाएंगे। रबर एक्ट के उल्लंघन के दंडात्मक प्रावधानों को भी कठोर किया गया है और अब जुर्माना राशि को बढ़ाकर 1,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये किया गया है। वहीं, कृषि राज्य मंत्री के.वी. थॉमस ने लोकसभा में बताया कि अक्टूबर से शुरू हुए सीजन 2009-10 में देश में खाद्य तेलों का उत्पादन 7.40 फीसदी घटकर 79.61 लाख टन रह सकता है। गत वर्ष देश में 85.98 लाख टन खाद्य तेलों का उत्पादन हुआ था। देश में खाद्य तेलों की खपत इस वर्ष बढ़कर 177.88 लाख टन रहने का अनुमान है। तिलहन उत्पादन में गिरावट के कारण खाद्य तेलों का उत्पादन घट सकता है। खरीफ सीजन में गत वर्ष के 178.82 लाख टन के मुकाबले इस वर्ष 152.33 लाख टन तिलहन उत्पादन की संभावना है। थॉमस ने यह भी बताया कि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश सहित देश के कई भागों में भारी बारिश के कारण करीब 24.36 लाख हैक्टेयर में फसल प्रभावित हुई है। एक लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में 2.4 लाख हैक्टेयर और कर्नाटक में 21.93 लाख हैक्टेयर फसल बारिश से प्रभावित हुई है। (बिज़नस भास्कर)
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