23 नवंबर 2009
दूध की सप्लाई सुधरी, घी हुआ सस्ता
दूध की कीमतों में कमी के चलते डेयरियों ने देसी घी के भी भाव घटा दिए हैं। यह स्थिति आगे भी जारी रहने पर देसी के भाव पांच फीसदी तक और कम होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। डेयरियों का दूध संग्रह करीब पांच से दस फीसदी बढ़ गया है।राजस्थान कॉपरटिव डेयरी फेडरशन के विपणन महाप्रबंधक पी। सी. गुप्ता का कहना है कि पिछले महीने तक जयपुर डेयरी के दुग्ध संग्रह केंद्रों पर लगभग 18 लाख लीटर दूध की आवक हो रही थी जो अब 19 लाख लीटर हो गई है। दूध संग्रह की दर भी अब 18.85 से 22.75 रुपये लीटर रह गई है। दूध की आवक में और बढ़ोतरी की संभावना है। इससे दुग्ध संग्रह मूल्य में और कमी की जा सकती है। उन्होंने बताया कि बाजार में अभी फेडरेशन के सरस ब्रांड के दूग्ध उत्पादों की मांग बेहतर है। इसलिए देसी घी समेत किसी भी उत्पाद की कीमत में कमी नहीं की गई। लेकिन पिछले 15 दिन के दौरान दूसर ब्रांडों का देसी घी सस्ता हुआ है। इस कारण सरस घी की कीमतों में भी कमी जा सकती है।दूसरी तरफ देसी घी कारोबारी दिनेश जाजू ने बताया कि दूध के भाव एक महीने में 25 से घटकर 20.50 से 21 रुपए प्रति लीटर रह जाने से देसी घी के भाव भी पंद्रह दिन में 250 रुपए प्रति टिन (15 किलो) तक उतर गए हैं। उठान कम होने से डेयरियों के पास काफी स्टॉक जमा हो गया है। इस कारण इस महीने देसी के दाम 100 से 250 रुपए प्रति टिन तक और कम होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि डेयरियों में दूध की आवक बढ़ी है, वहीं देसी घी के उठान में कमी आई है। इससे देसी घी के भावों पर जनवरी तक दबाव देखने को मिल सकता है। अनु इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक हेमराज जैन ने बताया कि देसी घी सस्ता होने का एक कारण यह भी है कि स्टॉकिस्टों ने खरीद धीमी कर दी है। इससे देसी घी में नरमी का रुख बना है।देसी घी उत्पादकों ने कंज्यूमर पैक की कीमतों में भी कमी की है। अगले महीने शादी-विवाह का सीजन खत्म होने के बाद देसी घी में और गिरावट संभव है। हालांकि इसके बावजूद इस साल देसी घी के भाव 25 फीसदी तक ऊंचे हैं। शुक्रवार को जयपुर मंडी में सरस देसी घी 3725, कृष्णा 3435, महान 3585, पारस 3405 और बिलौना 3185 रुपए प्रति टिन दर्ज किया गया है। (बिज़नस भास्कर)
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