मुंबई November 19, 2009
तीसरी तिमाही के दौरान सोने की मांग में 49 प्रतिशत की गिरावट आई है।
कीमतों में बढ़ोतरी और खराब मॉनसून का असर सोने की मांग पर पड़ा है। इन परिस्थितियों से ग्राहकों का आत्मविश्वास हिल गया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के आंकड़ों के मुताबिक भारत में सोने की कुल मांग सितंबर 2009 को समाप्त तीसरी तिमाही में 137.6 टन रही है, जो पिछले साल की समान अवधि में 271.2 टन थी।
इस तिमाही के दौरान आभूषण की मांग 42 प्रतिशत घटकर 111.6 टन वर पहुंच गई है, वहीं कुल खुदरा निवेश मांग 67 प्रतिशत घटकर 26 टन रह गई है। दूसरी तिमाही की तुलना में हालांकि इस तिमाही में मांग में बढ़ोतरी हुई है, जब मांग बहुत कम हो गई थी।
सोने की कीमतें ज्यादा होने की वजह से चालू कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही में आभूषण की मांग स्थिर सी हो गई। इसमें खराब मॉनसून ने भी अहम भूमिका निभाई, जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में आमदनी में कमी आई है। देश के दक्षिणी इलाकों में बाढ़ ने खरीदारों को रोके रखा।
पिछले साल की तुलना में सोने की कीमतों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है और जीवन यापन महंगा होने के चलते कमाई न बढ़ने से खरीदारों ने सोने की खरीद की मात्रा में कमी की। इसके पहले खास अवसरों पर खरीदार सोने के वजन पर खासा ध्यान रखते थे।
डब्ल्यूजीसी के सीईओ अरम शिषमण्यन ने कहा, 'उपभोक्ता और खुदरा मांग पर स्थानीय बाजार में कीमतें ज्यादा होने का असर पड़ा है। अभी उपभोक्ता नई कीमतों से तालमेल बिठाने में लगे हैं। साथ ही उन्हें सोने के बारे में जानकारी भी है कि इसको रखने में कोई जोखिम नहीं है, भले ही आर्थिक अस्थिरता रहे।'
सोने की कीमतें ज्यादा होने की वजह से ग्राहक रत्नों और नकली गहनों की ओर भी जा रहे हैं। पिछले साल की तीसरी तिमाही की तुलना में सोने में निवेश में भी कमी आई है। लंबे समय के लिए निवेश करने वाले और अटकलबाजी पर कारोबार करने वाले, दोनों की बाजार में उपस्थिति कम हुई है। बहरहाल डब्ल्यूजीसी को उम्मीद है कि चौथी तिमाही के दौरान आभूषण की मांग बढ़ेगी।
सोने की मांग (टन में)
तीसरी तीसरी बदलाव तिमाही-09 तिमाही-08 (%)आभूषण 111.6 192.41 42कुल खुदरा निवेश 26 78.79 ६७ (बीएस हिन्दी)
20 नवंबर 2009
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