25 नवंबर 2009
गुजरात में कपास की आवक बढ़ी पर उत्तरी राज्यों में गिरी
घरेलू बाजारों में एक अक्टूबर से शुरू हुए चालू फसली वर्ष में 21 नवंबर तक 48।1 लाख गांठ (प्रति गांठ 170 किलो) कॉटन की आवक रही है। कॉटन कॉरपोरेशनऑफ इंडिया (सीसीआई) के मंगलवार को जारी आंकड़ों में कहा गया है कि इस दौरान आवक में गत वर्ष के मुकाबले 0.4 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी रही है। 21 नवंबर को समाप्त सप्ताह में कॉटन की दैनिक आवक 1,45,000 गांठ रही जबकि पिछले सप्ताह दैनिक आवक 1,30,000 गांठ रही थी। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कॉटन उत्पादक है। देश के सबसे बड़े कॉटन उत्पादक राज्य गुजरात में आवक गत वर्ष के मुकाबले 65 फीसदी बढ़कर 18 लाख गांठ रही है। वहीं, महाराष्ट में आवक 19.5 फीसदी घटकर 6 लाख गांठ रही। हालांकि उत्तरी राज्यों में आवक 10 फीसदी घटकर 13.1 लाख गांठ रही, जबकि दक्षिणी राज्यों में आवक 26.6 फीसदी घटकर 6,90,000 गांठ रही। कॉटन कॉरपोरेशन की किसानों से कॉटन खरीद एक अक्टूबर से 19 नवंबर तक गत वर्ष के मुकाबले 77 फीसदी घटकर 2,20,00 गांठ रही। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि घरेलू बाजार में ऊंची कीमतों के कारण सरकारी खरीद में भारी गिरावट आई है। देश के सबसे बड़े खरीदार कॉटन कॉरपोरेशन ने वर्ष 2008-09 के दौरान 89 लाख गांठ कॉटन की खरीद की थी। सरकार द्वारा नियुक्त कॉटन एडवाइजरी बोर्ड ने इस महीने के शुरू में वर्ष 2009-10 के लिए कॉटन उत्पादन के अनुमान में कटौती कर इसे 295 लाख गांठ कर दिया था। इससे पहले 305 लाख गांठ उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। फसली वर्ष 2008-09 में भारत में 290 लाख गांठ कॉटन का उत्पादन हुआ था। (बिज़नस भास्कर)
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