20 नवंबर 2009
गन्ना अध्यादेश पर पुनर्विचार को सरकार राजी
नई दिल्ली। दिल्ली में किसानों के जमावड़े से घबराई केन्द्र सरकार गन्ने के समर्थन मूल्य मामले में झुकती नजर आ रही है। कृषि मंत्री शरद पवार ने एक बयान जारी कर कहा है कि सरकार किसानों की मांग को देखते हुए गन्ना अध्यादेश पर चर्चा को राजी है। वहीं, अब तक मुद्दा विहिन विपक्ष को भी गन्ने मामले पर केन्द्र सरकार को घेरने का मौका मिल गया है। विपक्षी दलों ने भी किसानों की मांग जायज ठहराते हुए उनके साथ खड़े होने का भरोसा दिलाया। इसी के चलते विपक्ष ने आज संसद नहीं चलने दी।एनडीए ने साफ चेतावनी दी है कि केन्द्र सरकार के गन्ना अध्यादेश वापस लेने व गन्ना विवाद नहीं सुलझने तक संसद नहीं चलने दी जाएगी। डीएमके ने भी इस मामले में विपक्ष का समर्थन करने की घोषणा की है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह ने किसानों के लिए आंदोलन करने का ऎलान किया है। गन्ने के समर्थन मूल्य के विरोध में उतरे किसानों के तेवर व कई राजनीतिक दलों का उन्हें समर्थन मिलने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक कर इस मसले पर चर्चा की। केन्द्र सरकार ने कहा है कि वह गन्ना किसानों की पीड़ा समझती है। इस बारे में चीनी मिल मालिकों से बात कर कोई हल निकाला जाएगा।दिल्ली में किसानों का जमावड़ागन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग को लेकर आज सुबह से ही हजारों किसान राजधानी की सड़कों पर उतर आए। किसानों के जमावड़े से जगह-जगह जाम के हालात बन गए हैं। राष्ट्रीय लोकदल के आह्वान पर पहंुचे किसान जन्तर-मन्तर पर जमा हैं। वे गन्ने के वर्तमान तय मूल्य का विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि गन्ने का समर्थन मूल्य 280 रूपए प्रति ç`ंटल किया जाए। प्रदर्शनकारी किसानों ने साफ कहा है कि वे किसी भी सूरत में इससे कम दाम पर गन्ना नहीं बेचेंगे। किसानों ने चेतावनी दी है कि केन्द्र सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो संसद का घेराव किया जाएगा।राजधानी में जाम के हालातबड़ी संख्या में किसानों के पहुंचने से राजधानी की सड़कों पर कई जगह जाम के हालात बन गए हैं। जन्तर-मन्तर पर एकत्र किसानों की रैली दोपहर एक बजे से रामलीला मैदान से शुरू होगी। किसानों ने संसद तक कूच का ऎलान किया है। इस बीच टॉल स्टॉय, खजूरीखास, विकास मार्ग, राजघाट, कनॉट प्लेस, यूपी-दिल्ली मार्ग समेत कई जगह किसानों के प्रदर्शन के चलते जाम की स्थिति बन गई है। (पत्रिअका)
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