मुरादाबाद November 18, 2009
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों और चीनी मिल मालिकों के बीच चल रही तकरार का पहले दौर में किसानों ने बाजी मार ली है।
किसानों ने मौजूदा कीमत पर मिलों को गन्ने की आपूर्ति नहीं की जिससे गन्ने की पेराई शुरू नहीं की जा सकी। बिजनौर और मुरादाबाद की कई चीनी मिलों में पेराई के मौके पर होने वाली सारी औपचारिकताएं तो हुई लेकिन वही काम नहीं हुआ जिसके लिए सारा तामझाम किया गया।
बिजनौर में धामपुर की सी एस एम, द्वारिकेश शुगर की बुन्दकी और अफजलगढ़ के साथ साथ स्योहारा की शुगर मिल में पेराई से पहले का पूजन हुआ लेकिन किसानों ने इन मिलों का घेराव कर प्रदर्शन किया और मिलों का गन्ना आपूर्ति नहीं होने दी। धामपुर मिल पर 3-5 हजार किसान जमा हुए जबकि स्योहारा मिल पर भी 2-3 हजार किसानों ने धरना दिया। बिजनौर के गन्ना अधिकारी बी के अरविन्द ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, 'किसान गन्ना केंद्रों पर काम नहीं होने दे रहे हैं।' जिले के जिलाधिकारी ए वी राजमौलि मुख्य सचिव के साथ बैठक के लिए लखनऊ गए हुए हैं। बिजनौर की गन्ना मिल के एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि तय तारीख से पेराई का काम शुरू नहीं हो पाया है।
किसान नेता चौधरी भूपेंद्र सिंह कहते है, 'गन्ना किसानों का विरोध जायज है। बाजार में चीनी 40 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रही है। जबकि गन्ना किसानों को प्रति किलोग्राम गन्ने के लिए 18 रुपये दिए जा रहे हैं। ऐसे में 22 रुपये का अंतर तो है ही इसीलिए मिलों को किसानों का ख्याल रखते हुए फैसला करना चाहिए।'
मिलें राज्य समर्थित मूल्य से 15 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा रही हैं। लेकिन किसान पिछले सालों का बकाया बोनस मांग रहे हैं। उधर संवाद समिति भाषा के मुताबिक 5 चीनी मिलों में पेराई शुरू हो चुकी है। इनमें मंसूरपुर, खतौली, टिकोला और शामली मिलें शामिल हैं।
आर या पार की लड़ाई
किसानों ने शुरू नहीं होने दी पेराईलेकिन मेरठ क्षेत्र में पेराई आरंभसंसद के सामने धरने की तैयारीबेहतर भाव नहीं मिला तो बिक्री नहीं (बीएस हिन्दी)
19 नवंबर 2009
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