नई दिल्ली : घरेलू बाजार में बढ़ती मांग और सीमित आपूर्ति के बीच बुधवार को दिल्ली में चीनी की कीमतों में 20 रुपए प्रति क्विंटल का उछाल दर्ज किया गया। कमोडिटी जानकारों का कहना है कि चीनी मिलों द्वारा आपूर्ति की जाने वाली चीनी में आई गिरावट के कारण घरेलू बाजार में मांग बढ़ी है और इसी से चीनी की कीमतों में तेजी दर्ज की गई है। बुधवार को चीनी रेडी मीडियम और सेकेंड ग्रेड के दाम 20 रुपए की तेजी के साथ क्रमश: 3,520-3,620 रुपए प्रति क्विंटल और 3,510-3,610 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। इस बीच, कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि सरकार को उम्मीद है कि कीमतों को लेकर गन्ना अध्यादेश की जगह अगले हफ्ते संसद में एक विधेयक पेश किया जा सकता है।
यह विधेयक उस पुराने अध्यादेश की जगह लेगा, जिसको लेकर संसद के मौजूदा सत्र की शुरुआत में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया था। कृषि मंत्री ने चीनी मिलों को बेचे जाने वाले गन्ने के मूल्य की नई व्यवस्था के बारे में बुधवार को तमाम पाटिर्यों के नेताओं की बैठक बुलाई थी। पवार ने कहा कि इस मुद्दे पर सर्वसम्मति नहीं हो सकती है, लेकिन नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों को सुलझाने के लिए चर्चा तो होती ही है। अध्यादेश में गन्ने के वैधानिक न्यूनतम मूल्य (एसएमपी) व्यवस्था की जगह उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) की व्यवस्था थी। पवार ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर दक्षिणी राज्यों के सांसदों की एक बैठक बुलाएंगे क्योंकि इन सांसदों ने धारा 5 ए को बहाल करने की मांग पर आपत्ति की है। इस बीच, उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने गन्ने के लिए 190-195 रुपए प्रति क्विंटल की कीमत देने के बाद अपने यहां पेराई शुरू कर दी है। यू पी शुगर मिल्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सी बी पटोदिया ने बताया, 'शुगर सोसाइटी से इस मुद्दे पर चर्चा करने के बाद हमने सामान्य किस्म के लिए 190 रुपए प्रति क्विंटल और जल्द फसल के लिए 195 रुपए प्रति क्विंटल दने का फैसला किया है। बुधवार से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 47 चीनी मिलों ने गन्ने की पेराई शुरू कर दी, जबकि एक साल पहले 39 मिलों ने पेराई की थी।' (ई टी हिन्दी)
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