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19 नवंबर 2009

गन्ना किसानों के सामने झुकी सरकार

नई दिल्ली।। गन्ने के समर्थन मूल्य को लेकर संसद में विपक्ष और दिल्ली की सड़कों पर किसानों के तेवर देखने के बाद केंद्र सरकार नरम पड़ती दिख रही है। कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों के देखते हुए गन्ना अध्यादेश पर विचार करने के लिए तैयार है। इसके बाद किसानों ने अपना प्रदर्शन बंद कर दिया है। इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन लोकसभा में एनडीए, आरजेडी और समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने गन्ने के मूल्य के सवाल को लेकर भारी हंगामा किया। इसके बाद सदन की बैठक एक बार के स्थगित करने के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। संसद के बाद दिल्ली की सड़कों पर भी गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने को लेकर किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत और राष्ट्रीय लोकदल के नेता अजीत सिंह के अगुआई में हजारों किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पश्चिमी यूपी से हजारों की संख्या में गन्ना किसान सुबह से ही दिल्ली पहुंचने लगे थे। इसकी वजह से कई इलाकों में सड़कों पर ट्रैफिक जाम हो गया।
भारी विरोध प्रदर्शन को देखने के बाद सरकार तुरंत हरकत में आई। प्रधानमंत्री ने गृहमंत्री पी। चिदंबरम, वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, कानून मंत्री वीरप्पा मोइली और कृषि मंत्री शरद पवार के साथ चर्चा की । इसमें गन्ना के समर्थन मूल्य पर फिर से विचार करने का फैसला किया गया। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर गतिरोध दूर करने के लिए राज्य सरकार और गन्ना मिल के मालिकों से भी बात करने का फैसला किया है। कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने मीटिंग में लिए फैसले की तो कोई जानकरी नहीं दे लेकिन बताया कि जो भी फैसला लिया गया है उसे आज शाम होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में रखा जाएगा। कैबिनेट की मीटिंग से पहले शरद पवार मंत्रालय के अधिकारियों के साथ भी इस पर चर्चा करेंगे। (नव भारत)

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